बिजनौर जिला अदालत में हाजिर आरोपी की हत्या को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ कर रही है। याचिका पर राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल , उन्नाव बार एसोसिएशन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वी एम जैदी, उत्तर प्रदेश बार कौंसिल की तरफ से अधिवक्ता आनंद कुमार सिंह ने पक्ष रखा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अदालतों में सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। दो जिला अदालतो के लिए अभी जमीन अधिगृहीत की जानी है।
15 फरवरी तक प्रदेश की 69 अदालतों में सीसीटीवी कैमरे सहित सारे सुरक्षा इंतजाम कर दिए जाएंगे और वह क्रियाशील हो जाएंगे। 31 मार्च तक प्रदेश की सभी अदालतों की सुरक्षा उपकरणों को पूरी तरह से चालू हालत में करके सभी जिला जजों को सुपुर्द कर दिया जाएगा। कोर्ट का कहना था कि जिलों की अदालतों की सुरक्षा करने में क्या दिक्कत आ रही है। उनकी सुरक्षा सरकार कैसे करेगी। क्या अदालतों को बिना सुरक्षा के छोड़ा जा सकता है।
कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या 31 मार्च तक सभी 75 जिलों में अदालतों की पूरी सुरक्षा कर दी जाएगी ।सभी अदालतों की बाउंड्री वाल तैयार कर ली जाएगी। और सुरक्षा बल तैनात कर दिए जाएंगे।
इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सुरक्षा उपकरणों को लगाने, उन्हें चालू रखने की जिम्मेदारी ईसीआई एल कंपनी को दी गई है। इस मामले में जिला जजों का भी सहयोग मिल रहा है। कोर्ट ने इटावा के जिला जज की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि सुरक्षा उपकरण चालू हालत में नहीं है, जिसकी वजह से उन्होंने चार्ज लेने से इंकार कर दिया है। अपर मुख्य सचिव का कहना था कि जब तक जिला जज चार्ज नहीं लेंगे ,तब तक वह चालू हालत में नहीं हो सकते।
कोर्ट ने कहा कि अदालत की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ।यह जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और राज्य सरकार कैसे अदालतों की सुरक्षा करेगी यह भी उसकी ही जिम्मेदारी है । कोर्ट ने 28 जनवरी को छह जिला अदालतों मथुरा, शामली ,अमेठी, सोनभद्र, संभल व हाथरस की सुरक्षा की जानकारी मांगी है। विशेष सुरक्षा बल के मामले में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस संबंध में कार्रवाई शुरू हो गई है ।प्रशिक्षण दिया जा रहा है और शीघ्र ही प्रशिक्षित सुरक्षा बल के लोग अदालतों में तैनात कर दिए जाएंगे ।याचिका की सुनवाई 28 जनवरी को दोबारा होगी।
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