सिपाहियों की इस याचिका पर कोर्ट ने सभी विपक्षियों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने राम सिंह यादव व कई अन्य सिपाहियों की याचिका पर दिया है। याचीगण के अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि रेलवे मंत्रालय की 28 दिसम्बर 2017 की नीति ने दोनों फोर्स आरपीएसएफ व आरपीएफ के बीच आपसी तबादले को खत्म कर दिया है, जो गैरकानूनी व गलत है। कहा गया था कि पूर्व में दोनों फोर्स के बीच आपसी तबादले की नीति थी, लेकिन अब इसे अकारण खत्म कर देना गलत है।
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