अभ्यर्थियों से 2 हजार जमा कराकर स्कैन कापी दी जा रही है। 11 अक्टूबर को कोर्ट ने कहा था कि जिन लोगों ने स्कैन कापी मांगी है उनकी संख्या कुछ हजार ही होगी। इसके लिए दो हजार रुपये जमा कराये गये हैं। इनकी कापियों की पारदर्शी, समान व विश्वसनीय जांच कराई जा सकती है। कोर्ट ने सरकारी वकील से पांच अक्टूबर 18 व 10 अक्टूबर 18 के शासनादेशों को भी दाखिल करने को कहा था, लेकिन सचिव के लखनऊ में किसी बैठक में जाने के चलते वह नहीं आ सके, जिसे भेजा उसे कोर्ट के आदेश की जानकारी ही नहीं थी। इसके चलते सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने सचिव के रवैये पर नाराजगी जाहिर की।
यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह ने अनिरूद्ध नारायण शुक्ल व 118 लोगों की याचिका पर दिया है। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा का कहना है कि भर्ती परीक्षा के मूल्यांकन में व्यापक गडबडी हुई है, जिसके चलते भारी संख्या में याचिकाएं दाखिल की गई है। अपेक्षा के विपरीत लोगों को कम अंक दिये गये हैं। उन्हें सही उत्तर के अंक नहीं दिये गये। कई के उत्तर कटे पाये गये जब कि कार्बन कापी में नहीं कटे हैं। कई के उत्तर गलत हैं, स्पेलिंग की छोटी गलती पर अंक नहीं दिये गये हैं। कई को कट आफ से अधिक अंक के बावजूद फेल दिखाया गया है।
इस पर कोर्ट ने कहा था कि ऐसी कई शिकायतें हैं, अथारिटी इन्हें किस प्रकार से दूर करेगी। कोर्ट ने सचिव को पूरी जानकारी के साथ 12 अक्टूबर को बुलाया था। By Court Correspon