कोर्ट ने कहा कि मात्र आशंका को लेकर दाखिल याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। यह आदेश जस्टिस भारती सप्रू और जस्टिस पियूष अग्रवाल की खंडपीठ ने विक्रांत चौधरी की याचिका पर दिया है। सरकारी अधिवक्ता निमाई दास ने कहा कि किसी अधिकारी ने कंडक्टर सीट पर पैसेंजर टैक्स की मांग नहीं की है। ऐसे में याचिका समय पूर्व दाखिल की गई है जो विचारणीय नहीं है। कोर्ट ने कहा कि किसी कानून का उल्लंघन नहीं होने से याची पीड़ित नहीं है। कंडक्टर सीट पर टैक्स की मांग नहीं की गई है और याचिका आधारहीन है।
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