अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता ए एन त्रिपाठी ने बहस की। याचीगण का कहना है कि 2498 इंस्ट्रक्टरों के पद विज्ञापित हुए। इसमें 27 पद भाषा हिंदी इंस्ट्रक्टर के भी शामिल है। 2016 में हिंदी भाषा का परिणाम यह कहते हुए घोषित नहीं किया गया कि हिंदी स्टेनो की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने निदेशक कौशल विकास विभाग को दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया। निदेशक द्वारा अस्वीकार करने के खिलाफ याचिका खारिज हो गयी। तो यह अपील दाखिल की गयी है। याची अधिवक्ता का तर्क था कि हिंदी स्टेनोग्राफर व हिंदी भाषा के पद अलग है। हिंदी भाषा के 27 व स्टेनो हिंदी के 51 पद विज्ञापित है। दोनों पदों को एक नहीं माना जा सकता। साथ ही सरकार को ही पर समाप्त करने का अधिकार है। निदेशक किसी पद की आवश्यकता नहीं है, कह कर समाप्त नहीं कर सकते। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 10 जुलाई 18 को होगी।