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यह आदेश जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस सौरभ श्याम शमशेर की खंडपीठ ने दिया है। अदालत ने अंकपत्रों से छेड़छाड़ के आरोपी 1812 अध्यापकों को 4 महीने की राहत दी है। आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति की निगरानी में उनकी जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। इस जांच रिपोर्ट के बाद जो अध्यापक सही पाए जाएंगे उनकी नौकरी बचेगी बाकी सभी की बर्खास्तगी बरकरार रहेगी। इसके अलावा हाईकोर्ट ने सात अध्यापकों के सत्यापन के लिए एक महीने का समय दिया है। बता दें कि यह सभी वह अध्यापक हैं जिन्होंने 2005 में डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की B.Ed की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हांसिल की थी। दरअसल जब इन लोगों के दस्तावेजों की जांच की गई थी तो उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा था और इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इन सभी को बर्खास्त कर दिया था बेसिक शिक्षा अधिकारी के बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ यह लोग हाईकोर्ट चले गए थे। यह भी पढ़ें