हाईकोर्ट ने पैरवी के अभाव में खारिज की गवाहों की सुरक्षा की पीआईएल
- सुनवाई के दाैरान काेई भी पक्ष नहीं आया
- हाईकाेर्ट ने कर दी पीआईएल खारिज

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
इलाहाबाद. हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने फौजदारी के मुकदमों के गवाहों की हिफाजत को लेकर दायर जनहित याचिका ( पीआईएल) को पैरवी के अभाव में खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान न तो याची वकील पेश हुई और न ही मामले को मुल्तवी करने का कोई आग्रह किया गया। इस लापरवाही पर कोर्ट ने याचिका काे ही खारिज कर दिया।
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न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायामूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने यह फैसला रनसमर फाऊंडेशन की अध्यक्ष आभा सिंह की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में आपराधिक केसों के गवाहों की हिफाजत समेत उनके हितों के संरक्षण का मुद्दा उठाया गया था। इसके साथ ही इस मुद्दे पर महेंद्र चावला के केस में सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों को प्रदेश में प्रभावी दंग से अमल में लाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए जाने की गुजारिश याचिका में की गयी थी। याची का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले के प्रकाश में गवाहों के संरक्षण की योजना -2018 को लागू किया जाना चाहिए।
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उधर राज्य सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि सरकार ने इस योजना को प्रदेश में तत्काल व प्रभावी तरीके से लागू करने के जरूरी निर्देश सभी जिलों के अफसरों को जारी कर दिये हैं। कोर्ट ने गत 20 दिसंबर को , याची के आग्रह पर मामले में सरकार के जवाब पर प्रतिउत्तर दाखिल करने का समय दिया था।सुनवाई के दौरान न तो याची वकील पेश हुई और ना ही मामले को मुल्तवी करने का कोई आग्रह किया गया। इस पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
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