कोर्ट ने कहा है कि याची को 17 मई को केंद्रीय कारागार वाराणसी में समर्पण करना होगा। उसे 50,000 की दो प्रतिभूति एवं बंध पत्र पर रिहा किया जाय। बंधपत्र में वह 17 मई को केंद्रीय कारागार में समर्पण करने का वायदा करेगा । 17 मई को सुबह हाजिर न होने पर उसके द्वारा दी गई जमानत राशि जप्त कर ली जाएगी। गंभीर बीमारी से पीड़ित कैदी की तरफ से मुख्य न्यायाधीश को ईमेल द्वारा आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी ।
उसे मिर्जापुर सत्र न्यायालय द्वारा हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वह वाराणसी केंद्रीय कारागार में सजा भुगत रहा है। इससे पहले 31 जनवरी 20 को बीमारी के कारण से कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। किंतु इस समय वह जेल में है और संक्रामक बीमारी तथा डायबिटीज से पीड़ित है।