पीएम मोदी की तरफ से आपत्ति की गयी कि सी पी सी के आदेश 7 नियम 11 व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 86 (1) के तहत याचिका बिना वाद कारण स्पष्ट किये दाखिल की गयी है। इसी आधार पर ख़ारिज की जाये, चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ी का आरोप नहीं है।
बता दें कि बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने बनारस से पहले नरेन्द्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय पर्चा भरा था, लेकिन उसके बाद नामांकन के आखिरी दिन समय बीतने के कुछ ही मिनट पहले समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। पर दूसरे ही दिन तेज बहादुर यादव को स्थानीय चुनाव आयोग से नोटिस मिल गया और उन्हें चुनाव आयोग से अपनी उम्मीदवारी के लिये नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लाने के लिये कहा गया। तेज बहादुर यादव का दावा है कि उन्होंने समय से दस्तावेज मुहैया करा दिये बावजूद इसके उनका नामांकन रद्द कर दिया गया ।