scriptएएमयू हिंसा: हाईकोर्ट सख्त, घायल छात्रों को मुआवजा और दोषी पुलिस वालों कार्रवाई का आदेश | High Court Order Compensation AMU Student injured in Police Violence | Patrika News

एएमयू हिंसा: हाईकोर्ट सख्त, घायल छात्रों को मुआवजा और दोषी पुलिस वालों कार्रवाई का आदेश

locationप्रयागराजPublished: Feb 25, 2020 02:31:30 pm

.

Aligarh Muslim University

अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी (फाइल फोटो)

प्रयागराज. नागरिकत संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में हुए विरोध प्रदर्शन (CAA Protest) के दौरान पुलिस हिंसा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सख्त रुख अपनाया है। इसको लेकर दाखिल याचिका पर सुनवायी करते हुए हाईकोर्ट (High Court) ने पुलिस हिंसा के शिकार एएमयू (AMU) के गंभीर रूप से घायल छह छात्रों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मुआवजा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) की सिफारिशों के तहत मानवीय आधार पर देने का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस समित गोपाल की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवायी करने के बाद ये आदेश दिया है।

 

हाईकोर्ट ने एएमयू के कुलपति और राज्य सरकारक को मुजावजे (Compensation) के लिये नोटिस भी जारी कर दिया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी, सीआरपीएफ के महानिदेशक डीजीपी यूपी, एएमयू के वीसी (AMU VC) और रजिस्ट्रार (AMU Registrar) को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों पर भी अमल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 25 मार्च को तय करते हुए उसके पहले ही सभी पक्षकारों से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है।

 

इसके अलावा कोर्ट ने हिंसा के दौरान के सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) देखकर उस दौरान कार्रवाई करने वाले पुलिस (UP Police) और पीएसी (PAC) के जवानों को भी चिन्हित कर बेवजह पार्किंग में खड़े वाहनों में तोड़फोड़ आदि करने के दोषियों पर कार्रवाई करने का यूपी पुलिस के महानिदेशक को आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस कर्मियों को हिंसक भीड़ से निपटने के लिये विशेष प्रशिक्षण दिलवसाने की व्यवस्था करने का आदेश भी दिया है।

 

बताते चलें कि एएमयू के पूर्व छात्र अमन खान और मोहम्मद आमिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपी थी। आयोग की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया है।

Court Correspondence

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो