याचीगण का पक्ष रख रहे अधिवक्ता का कहना था कि जिला प्रशासन याचीगण टीचरों से बूथ लेवल अफसर और दूसरे गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे है जो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के विपरीत है। धारा 27 में कहा गया है कि किसी भी अध्यापक की ड्यूटी राष्ट्रीय आपदा, जनगणना और लोकसभा व विधानसभा चुनाव के अतिरिक्त गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाई जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सुनीता शर्मा और अन्य के केस में अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लेने का आदेश दिया है। इसके बावजूद अधिकारी इन अध्यापकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगा रहे हैं। कोर्ट ने याची गण को निर्देश दिया है कि वह आदेश की प्रति के साथ संबंधित अधिकारी को अपना प्रत्यावेदन दें तथा संबंधित अधिकारी उपरोक्त वैधानिक व्यवस्थाओं के आलोक में निर्णय लें और इसके विपरीत किसी भी अध्यापक से कार्य न लिया जाए।
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