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हाईकोर्ट का निर्देश, विभाग ने ब्याज लिया है तो वापसी भुगतान पर ब्याज देना होगा

locationप्रयागराजPublished: Oct 12, 2018 10:01:36 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

सभी स्टैम्प प्राधिकारियों को आदेश का पालन करने का निर्देश

allahabad High court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई विभाग ब्याज सहित भुगतान लेता है तो वापसी में उसे भी ब्याज का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने प्रदेश के सभी स्टैम्प शुल्क वसूली प्राधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि उन्होंने अतिरिक्त धनराशि जमा करायी है तो उसकी वापसी में ब्याज का भी भुगतान करे।

कोर्ट ने गाजियाबाद के स्टैम्प विभाग के सहायक आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह याची को वापस की गयी राशि पर डेढ़ फीसदी प्रति माह की दर से ब्याज का भुगतान करे। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने मे.कैलाश मानसरोवर बिल्डर कंपनी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने स्टैम्प विभाग को निर्देश दिया है कि वह याची को 18 फीसदी वार्षिक ब्याज का एक माह में भुगतान करे। याचिका पर अधिवक्ता दिलीप कुमार पाण्डेय ने बहस की। याची ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम शक्ति खण्ड-2 के मकान संख्या 193 का बैनामा कराया और 18 मई 05 को हुए इस बैनामे पर 4 लाख 82 हजार स्टैम्प शुल्क जमा किया उसके खिलाफ कम स्टैम्प शुल्क देने की कार्यवाही हुई और डेढ़ फीसदी प्रतिमाह ब्याज के साथ दस लाख 9 हजार 782 रूपये जमा करा लिये गये। कोर्ट ने इसे अधिक भुगतान माना और वापस करने का निर्देश दिया।

डीएम व सहायक आयुक्त ने स्टैम्प को याची ने जमा राशि वापसी की अर्जी दी। विभाग ने याची से हलफनामा मांगा कि वह इस राशि पर ब्यज नहीं लेगा। इसी शर्त पर भुगतान किया गया। भुगतान लेने के बाद याची ने ब्याज की मांग की और कहा कि ब्याज पाना उसका कानूनी अधिकार है। कोर्ट ने याची के तर्क को वैध माना और कहा कि भुगतान में देरी पर जब विभाग ने याची से ब्याज वसूला है तो विभाग द्वारा गलत जमा करायी गयी राशि पर उसे ब्याज देना होगा और एक माह में ब्याज का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
BY- Court Corrospondence

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