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सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल अपील पर उसके पुत्र की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया उसके पिता वृद्ध और बीमार है। इसलिए उनकी सजा को निलंबित कर उनको रिहा किया जाए। अभियोजन की ओर से अर्जी का विरोध किया गया तथा कहा गया कि आरोपी को हत्या का दोषी करार दिया गया है। जबकि बचाव पक्ष का कहना था कि अवर न्यायालय द्वारा सजा सुनाए जाने में साक्षयो को समझने में गलती की गई है। हत्या में शामिल होने का उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। कोर्ट ने केस की मेरिट पर कोई राय दिए बिना आरोपी को सुनाई गई सजा निलंबित करने और उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।