याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने 2017 में गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया था। क्योंकि किसान भी बैंक से कर्ज लेता है और उसका ब्याज देता है। इसलिए चीनी मिलों द्वारा विलंब से किए गए भुगतान पर ब्याज पाने का हकदार है। चीनी मिलों पर करीब 2500 करोड़ रुपये का बकाया है। इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने दो माह में गन्ना आयुक्त को पूरा मामला निस्तारित करने का निर्देश दिया है।