अदालत ने यह आदेश एक बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका की सुनवाई के दौरान तब दिया जब अपनी पसंद से शादी कर अदालत पहुंचे जोड़े के परिजन कोर्ट के सामने ही आपस में उलझ गए। अदालत में मौजूद वकीलों ने दोनों पक्षों को अलग कर मामला शांत कराया। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने दिया है। कोर्ट में करारी कौशांबी की सलोनी केसरवानी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई चल रही थी। सलोनी के पिता का कहना था कि उन्होंने करारी थाने में बेटी के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में उनको पता चला कि उनकी बेटी सलमान हैदर के साथ चली गई है और शादी कर ली है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सलमान और हैदर को अदालत में पेश किया। सलोनी के पिता और अन्य परिजन भी कोर्ट में मौजूद थे। दोनों पक्षों में वहीं पर बहस होने लगी जिसे वकीलों ने शांत कराया।
उधर सलोनी ने कोर्ट को बताया कि वह बालिग है और उसने अपना धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया है तथा सलमान हैदर से विवाह कर लिया है। अब उसका नाम सलोनी हैदर है। उसने तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड का निकाहनामा भी अदालत में प्रस्तुत किया। सलोनी ने आशंका जताई कि परिवार वाले उसके विवाह के खिलाफ है और उसकी हत्या हो सकती है। इस पर कोर्ट ने महानिबंधक को निर्देश दिया कि सलोनी और सलमान को पुलिस सुरक्षा में जहां वह जाना चाहते हैं, वहां पहुंचा दिया जाए।
BY- Court Corrospondence