scriptआईएएस बी.चन्द्रकला की याचिका खारिज | IAS B Chandrakala Petition rejected in allahabad High court | Patrika News

आईएएस बी.चन्द्रकला की याचिका खारिज

locationप्रयागराजPublished: May 21, 2018 09:18:59 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

याचियों की तरफ से कोई अधिवक्ता कोर्ट में नहीं आया, जिस पर एक पक्षीय आदेश से याचिका खारिज कर दी गयी।

B Chandrakala

बी चंद्रकला

इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आईएएस अधिकारी तत्कालीन फूलपुर की एसडीएम बी. चन्द्रकला व सांवडीह की आसमा बीबी व इनके परिवार की तरफ से आपराधिक केस में सम्मन आदेश की चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है और समनिंग आदेश पर लगी रोक समाप्त कर दी है।
एसडीएम, तहसीलदार व अन्य कई अधिकारियों सहित आसमा बीबी पर मिलीभगत से फर्जी रिपोर्ट पर विपक्षी अनन्ती देवी के घर को जाने वाले रास्ते को खत्म कर दिया। जिसको लेकर विपक्षी ने विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इलाहाबाद के समक्ष इस्तगासा दायर किया है।

न्यायमूर्ति यू.सी श्रीवास्तव ने आईएएस बी चन्द्रकला व आसमा बीबी की याचिका पर यह आदेश दिया है। याचियों की तरफ से कोई अधिवक्ता कोर्ट में नहीं आया, जिस पर एक पक्षीय आदेश से याचिका खारिज कर दी गयी। विपक्षी के अधिवक्ता कुंजेश कुमार दूबे का कहना है कि सांवडीह गांव में रास्ते के विवाद को लेकर अनन्ती देवी ने सिविल वाद दायर किया 1996 में उसके पक्ष में डिक्री हो गयी। जिसके खिलाफ आसमा बीबी ने प्रथम अपील दाखिल की वह भी खारिज हो गयी तो हाईकोर्ट में द्वितीय अपील दाखिल हुई। यह अपील भी अदम पैरवी में खारिज हो चुकी है।
2011 में आसमा बीबी ने एसडीएम को पत्र लिखकर शिकायत की कि प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है और विपक्षियों ने जबरन विवादित जमीन पर रास्ते का निर्माण कर लिया है। इस पर एसडीएम ने रिपोर्ट मंगायी। लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार ने रिपोर्ट दी कि रास्ता कभी नहीं था। इस पर एसडीएम बी चन्द्रकला ने रास्ते को ध्वस्त कराकर समाप्त कर दिया। कहा कि जमीन आसमा बीबी की है। इस कार्यवाही को लेकर अनन्ती देवी ने धारा 156 (3) के तहत अर्जी दी। जिसे कोर्ट ने इस्तगासा के रूप में स्वीकार करते हुए सम्मन जारी किया था।
फीस जमा करने पर एलएलबी प्रवेश परीक्षा में बैठने की मिली अनुमति

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की एलएलबी 2018 की 22 मई 18 को होने वाली प्रवेश परीक्षा में फीस जमा करने पर याची को बैठने देने की अनुमति देने पर याचिका निस्तारित कर दी है। विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यदि याची आज 21 मई को प्रवेश भवन में शुल्क जमा कर रसीद डायरेक्टर प्रवेश को दिखायेगा तो जरूरी आदेश निर्गत कर दिये जायेंगे।

यह आदेश न्यायमूर्ति एम.के.गुप्ता ने सौरभ कुमार की याचिका पर अधिवक्ता राजकुमार सिंह को सुनकर पारित किया है। विश्वविद्यालय की तरफ से मनोज निगम ने पक्ष रखा। याची का कहना था कि उसने प्रवेश परीक्षा में फार्म भरा और फीस जमा की, किन्तु प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय ने जमा फीस 350 रूपये दस मई को वापस भी कर दिया। इस पर कोर्ट ने विश्वविद्यालय के अधिवक्ता से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि यदि याची फीस जमा करता है तो उसे प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी जायेगी।
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