scriptBig news : 7 साल तक की सजा के विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत ,पैरोल पर रिहाई के निर्देश | Interim bail for prisoners under consideration for up to 7 years | Patrika News

Big news : 7 साल तक की सजा के विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत ,पैरोल पर रिहाई के निर्देश

locationप्रयागराजPublished: Mar 28, 2020 03:28:41 pm

-राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी जिला जजों से किया अनुरोध
– 8 सप्ताह के लिए मिलेगी जमानत ,अवधि पूरी होने पर करना होगा सरेन्डर

Interim bail for prisoners under consideration for up to 7 years

Big news : 7 साल तक की सजा के विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत ,पैरोल पर रिहाई के निर्देश

प्रयागराज 28 मार्च । कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण राज्य सरकार के अधीन गठित हाई पावर कमेटी ने सात साल तक की सजा के विचाराधीन कैदियों की रिहाई का फैसला लिया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी समादेश के पालन मे लिया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने प्रदेश के सभी जिला न्यायाधीशों जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्षों से अनुरोध किया है कि विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहाई की व्यवस्था करें। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश से गठित हाई पावर कमेटी के निर्देशानुसार जारी किया गया है। हाई पावर कमेटी में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष , अपर मुख्य सचिव गृह एवं डीजीपी कारागार उत्तर प्रदेश शामिल है ।

27 मार्च 2020 को हाई पावर कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार ,विदेशी नागरिकों को छोड़कर उन सभी विचाराधीन कैदियों, जिन्हें अधिकतम 7 वर्ष तक की सजा के अपराध में जेलों में रखा गया है एसभी को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा किया जायेगा। इस कार्य के लिए सत्र न्यायाधीश ,अपर सत्र न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेटों सहित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेलों में जाकर बंदियों का व्यक्तिगत बांड लेने के बाद ही उन्हें पेरोल अथवा अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देंगे । ऐसे कैदियों से इस आशय का बांड भराया जाएगा कि वे 8 सप्ताह की अवधि पूरी होने के बाद अदालतों में समर्पण करेंगे । उक्त न्यायिक अधिकारी अपने अपने जिलों की जेलों में जाकर अन्डर ट्रायल कैदियों से जमानत अर्जी प्राप्त कर जमानत पर रिहा करने की व्यवस्था करेगे।

कमेटी ने यह भी निर्णय लिया कि अंतरिम जमानत देने के लिए जेल स्टाफ, जेल पैरा लीगल वालंटियर , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पैनल की मदद ली जाएगी। प्रदेश स्तरीय अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी सप्ताह में एक बैठक कर इस संबंध में जिला अथारिटी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत दिशानिर्देश जारी करती रहेगी । संबंधित जेल अधीक्षक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के संपर्क में रहेंगे।यह भी कहा गया है कि स्टेट लीगल मॉनिटरिंग टीम को अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा होने वालों की प्रतिदिन सूचना भेजी जाएए जो कि मामले की मानिटरिंग कर रही है । यह आदेश उ प्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुदीप कुमार जायसवाल ने जारी किया है।

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