पदयात्रा के जरिये किसानों, युवाओं आदि के मुद्दे पर खोली जाएगी सरकार की पोल, 2019 के पहले मोदी सरकार के खिलाफ हवा बनाने की कोशिश।
नरेन्द्र मोदी और अमित शाह
इलाहाबाद. भारतीय जनता पार्टी 2019 में 2014 जैसा प्रदर्शन न कर सके इसको लेकर विपक्ष पूरी संजीदगी से सोच रहा है। ऐसा करने के लिये विपक्ष को जो भी सियासी दांव चलना होगा वह चलेगा, हालिया उपचुनाव और कर्नाटक विधानसभा चुनाव से यह साफ संकेत मिल भी चुका है। बीजेपी की रणनीतियां भांपने में भले ही फेल रहा हो, पर विपक्ष अपनी ताकत को पहचान गया है। यही वजह है कि अभी से ही 2019 की हवा अपने पक्ष में बनाने के लिये साझा प्रयास शुरू हो चुके हैं। इसके लिये न सिर्फ विपक्ष एक हुआ है, बल्कि सत्ता पक्ष से भी कुछ लोग तोड़ लिये गए हैं। अब विपक्षी एकता की यही ताकत 25 जून से बनारस से दिखने जा रही है, जहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव लड़कर पूरे देश में सियास सूनामी ला दी थी। बड़ी बात यह कि दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री इस ताकत को और बढ़ाने का काम करेंगे।
यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा (फाइल फोटो) IMAGE CREDIT: भाजपा और नरेन्द्र मोदी को घेरने व उनके खिलाफ हवा बनाने के लिये आने वाली 25 जून से आठ जुलाई तक एक यात्रा निकाली जाएगी। यह बनारस से शुरू होगी और समाजवादियों के गढ़ रहे बलिया तक जाएगी। इसका मकसद कमजोर पड़ चुकी समाजवाद की लहर को फिर से जिंदा करना और सत्ता पक्ष के खिलाफ माहौल तैयार करना है। बनार से बलिया तक पदयात्रा कर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। यह पदयात्रा आम आदमी पार्टी शुरू कर रही है, जिसे जन अधिकार यात्रा का नाम दिया गया है। यह यात्रा आम आदमी पार्टी के पांचों प्रांत पूर्वांचल, पश्चिमी यूपी, बुन्देलखंड, रुहेलखंड और अवध में कुछ-कुछ समय के अन्तराल पर निकाली जाएगी, जो अक्टूबर तक चलेगी। इसकी शुरुआत पूर्वांचल में बनारस से बलिया के बीच 25 जून से की जाएगी।
संजय सिंह (फाइल फोटो) IMAGE CREDIT: इलाहाबाद पहुंचे आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि अब भाजपा को हराने के लिये आम आदमी पार्टी को किसी से भी हाथ मिलाने में गुरेज नहीं। बताया कि इसी कड़ी में पार्टी का सबसे अहम फैसला आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के महागठबंधन में शामिल होने का है। इसका मकसद चुनाव के दौरान विपक्षी एकता का लाभ के साथ ही साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में एक अहम साझेदार के रूप में आंकलन करना भी है। कहा कि 25 जून से शुरू होने वाली पदयात्रा के जरिये प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से बलिया तक किसानों और युवाओं के मुद्दे पर बीजेपी की नीतियों के खिलाफ जनता को लामबंद करने की कोशिश की जाएगी। इस कोशिश में कभी अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी रहे बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा शामिल होंगे।
फूलपुर-गोरखपुर, कनौटक विधानसभा चुनाव और अब नूरपुर व कैराना के उपचुनावों में गठबंधन के रिजल्ट से न सिर्फ दूसरी विपक्षी पार्टियां बल्कि आम आदमी पार्टी भी गद्गद है और उसे लगता है कि अगर विपक्ष की यह एकता बनी रही तो 2019 में बीजेपी और नरेन्द्र मोदी को केन्द्र की सत्ता से बेदखल किया जा सकता है। जन अधिकार पदयात्रा इसी सिलसिले के तहत निकाली जा रही है। इस पदयात्रा में बीजेपी के दो बड़े नेताओं को शामिल कर आम आदमी पार्टी भाजपा पर उसी के हथियार से हमला करने जा रही है। अब देखना यह होगा कि ऐसे विपक्ष के ऐसे छोटे-छोटे हमले भाजप और नरेन्द्र मोदी को 2019 में कितना नुकसान पहुंचा पाते हैं।