डॉ जोशी है राजनितिक गुरु
राजनीति में डॉ मुरली मनोहर जोशी को करिवारिया के गुरु माने जाते है ,वशिष्ठ नारायण करवरिया के जमाने से ही जिले में दबंग छवि वाले इस परिवार पर कभी पुलिस केस नही दर्ज हुआ। लेकिन विधायक जवाहर यादव उर्फ़ पंडित की हत्याकांड में करवरिया बंधुओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और अठारह साल बाद जेल जाना पड़ा। करवरिया बंधुओं का कई बड़े व्यवसाय हैं जिनमे सबसे बड़ा काम बालू का माना जाता है । कहा जाता है कि खनन के ही विवाद को लेकर करवरिया बंधु और जवाहर पंडित के बीच अदावत चल रही थी। हालाकिं करवरिया बंधुओं की तरफ से कभी भी इस बात को स्वीकार नहीं किया गया कि उनका किसी भी तरह का जवाहर पंडित से विवाद था। लेकिन लोगों की माने तो जिले भर में बालू का कारोबार करवरिया बंधुओं के इशारे पर ही होता रहा। हर ठेके पट्टे पर सीधे या पर्दे के पीछे से उनका हाथ होता था। बालू के कारोबार में आते ही जवाहर पंडित के उनकी हत्या हो गई।
पहली बार चला था अत्याधुनिक हथियार
13 अगस्त 1996 को जवाहर यादव उर्फ़ पंडित को जॉर्ज टाउन इलाके में बीच रोड पर घेर कर गोलियों से भून दिया गया था । कहां जाता है कि जिले में यह पहली हत्या थी जिसमें अत्याधुनिक हथियारों का प्रयोग हुआ था।विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदय भान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरज भान करवरिया सहित उनके चचेरे भाई रामचंद्र करवरिया का नाम आया। इनकी हनक ही थी की हत्याकांड में नामजद आरोपी होने के बाद इस मामले में अठारह साल बाद करवरिया बन्धुओं को जेल जाना पड़ा ।
गी सरकार ने करवरिया बंधुओं को दी बड़ी राहत ,जवाहर पंडित हत्याकांड में मुकदमा वापस
करवरिया बंधु हाईकोर्ट की शरण में
चार साल तक जेल में रहने के बाद जब लगभग कोर्ट में ट्रायल पूरा होने को था, तभी योगी सरकार ने मुकदमा वापस लेने एलान किया। जिसने प्रदेश भर में सियासत को गरमा दिया कहा जाने लगा की भाजपा उदय भान को उम्मीदवार बना सकती है । लेकिन जिला न्यायलय से जमानत नही मिली। करवरिया बंधु हाईकोर्ट की शरण में है । जवाहर पंडित की पत्नी और पूर्व विधायक विजमा यादव ने हाईकोर्ट में चैलेंज करने की बात कही। गवाही के दौरान विधायक जवाहर पंडित के भाई सुलाकी यादव ने कोर्ट में बयान दिया कि शराब और बालू कारोबार को लेकर 1986 से उदय भान से रंजिश चली आ रही थी। कपिल मुनि उदय भान व सूरजभान से खतरा जाहिर करते हुए शासन तक सुरक्षा की मांग की थी ।
मालवीय नगर की कोठी में रहता है परिवार
करवरिया परिवार मूलता कौशांबी के रहने वाले हैं लेकिन लंबे समय से शहर के पुराने इलाके मालवीय नगर की कोठी में रहते हैं। सबसे बड़े भाई कपिल मुनि करवरिया बसपा से फूलपुर से सांसद रहे, दूसरे भाई उदय भान करवरिया बारा से भाजपा से विधायक रहे सबसे छोटे भाई सूरजभान बसपा से एमएलसी रह चुके हैं ।जेल जाने के बाद दोनों भाइयों को तो बसपा सुप्रीमो ने निष्कासित कर दिया लंबे समय से सपा विधायक की हत्या के मामले में वांछित चल रहे इनके लिए समाजवादी पार्टी के दरवाजे हमेशा से बंद रहे। लेकिन अब करिवारिया की कोठी पर तीनों भाइयों के कार्यालय पर भाजपा का झंडा लगा है ।