यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने अधिवक्ता भुवनराज को सुनने के बाद अपील को विचारार्थ स्वीकार करते हुए दिया है। वर्ष 1996 में सिविल लाइंस में जवाहर पंडित सहित तीन लोगों की अंधाधुंध गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी।
सेशन कोर्ट ने ट्रायल के बाद चार नवंबर 2019 को पारित अपने निर्णय में आरोपी पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया एवं उनके मामा रामचंद्र उर्फ कल्लू को दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट अधीनस्थ अदालत का रिकार्ड तलब करते हुए अपील को सुनवाई के लिए 16 मार्च से प्रारंभ होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
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