किन्नर अखाड़ा के लिए 2019 का कुंभ बेहद महत्वपूर्ण रहा लंबे समय से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे किन्नर अखाड़े को देश के सबसे बड़े अखाड़े ने अपने साथ जोड़ कर इतिहास रच दिया। किन्नर अखाड़ा पहली बार कुंभ मेले की पेशवाई से लेकर शाही स्नान में सम्मिलित हुआ।
बता दें कि कुंभ और अर्ध कुंभ में मान्यता है कि तीनों शाही स्नान के बाद अखाड़े चले जाते हैं, लेकिन किन्नर अखाड़ा कुंभ के सभी छह स्नान पर्व में सम्मिलित हुआ और महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान के बाद मंगलवार को प्रयागराज से विदा हुआ।
किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि आगामी माघ मेले तक के लिए प्रयागवासियों से वह विदा मांग रहे हैं। उन्होंने प्रयागराज वासियों और यहां के लोगों का आभार जताया और कहा कि मैं प्रयागराज में मिले स्नेह से अभिभूत हूं।
BY- PRASOON PANDEY