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पहली बार कुंभ मेले में 24 घंटे हो सकेंगे अक्षयवट के दर्शन

locationप्रयागराजPublished: Oct 23, 2018 12:18:18 pm

जिला और मेला प्रशासन की पहल के बाद सेना और सरकार भी सहमत, मंदिर तक पहुंचने के लिए होंगे निर्माण कार्य

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पहली बार कुंभ मेले में 24 घंटे हो सकेंगे अक्षयवट के दर्शन

इलाहाबाद। कुंभ मेले को ऐतिहासिक और दिव्य बनाने में जुटी उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूरा जोर लगा रखा है। निर्माण कार्यों से यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने वाली सरकार की कोशिश है कि यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी तरह की कोई समस्य न हो। साथ ही वे हर मंदिर तक सहजता से पहुंच सकें। इसी क्रम में कोशिश की जा रही है कि इस बार अक्षयवट के दर्शन भी सहजता से हो सकें।
सेना के कब्जे वाले किले में स्थित अक्षयवट तक यात्रियों की सहज पहुंच के लिए जिला प्रशासन और मेला प्रशासन तैयारी में जुट गया है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक प्रलय के समय भगवान विष्णु बाल स्वरूप में इसी अक्षयवट के पत्तों पर शयन करते हैं। यह किले के अंदर विराजित है। जिसके दर्शन अभी सेना के नियमों के मुताबिक निर्धारित समय पर होेते हैं। अब राज्य और केंद्र सरकार अक्षयवट सहित अंदर स्थित सरस्वती कूप, सरस्वती की मूर्ति और पातालपुरी तक लोगों की पहुंच आसान बनाने की कोशिश कर रही है।
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इलाहाबाद के जिलाधिकारी ने इसके लिए सेना को पत्र लिखा है। वहीं, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय भी इसके लिए सक्रिय है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस पूरी पक्रिया पर नजर रखे हैं। किले के बाहर से मंदिर तक जाने वाले मार्ग को सही करने और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सड़क और अन्य जरूरी निर्माण कराने की तैयारी चल रही है। सेना भी प्रारंभिक तौर पर इसके लिए तैयार हो गई है। सरकार की ओर से हो रही कवायद के मुताबिक 31 जनवरी से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलने वाले महाकुंभ के दौरान 24 घंटे अक्षयवट और अन्य स्थलों के दर्शन की सुविधा रहेगी। वहीं, कुंभ के बाद यह समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा।
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पुराणों में है वर्णन

पुराणों में वर्णन आता है कि प्रलय में जब पूरी धरती जल में डूब जाती है तब वट का एक वृक्ष बचता है। अक्षयवट कहलाने वाले इस वृक्ष के पत्ते पर भगवान बालरूप में रहते हैं। अक्षयवट का जिक्र कालिदास के रघुवंश तथा चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रा विवरण में है।
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