अखाड़े भेज रहे सात समंदर पार न्यौता, पुस्तैनी बहीखाते से निकाला जा रहा यजमानों का पता इसी क्रम में संगम किनारे स्थित अकबर के किले में अक्षयवट के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए खोलने के साथ ही वहां वाग्देवी मां सरस्वती की प्रतिमा लगाने का फैसला हुआ है। बता दें कि यह किला अभी सेना के कब्जे में है इसलिए प्रतिमा स्थापित करने के लिए मेला प्रशासन ने जिला प्रशासन से सहमति भी ले ली है।
सेना से मिल गई है मंजूरी गौरतलब है कि प्रयाग कुंभ गंगा—यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर होता है। पौराणिक रूप से मान्यता है कि अदृश्य सरस्वती का संगम प्रयाग में गंगा और यमुना से होता है। गंगा और यमुना का प्रत्यक्ष दर्शन हो जाता है लेकिन सरस्वती अदृश्य हैं। अब कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को मां सरस्वती का दर्शन कराने के लिए उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
कुंभ में त्रिगुणात्मिक शक्ति का योग, गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती में स्नान से मिलेगा पुण्य 12 फीट की होगी प्रतिमा जानकारी के मुताबिक किले में सरस्वती कूप के पास यह 12 फीट उंची प्रतिमा लगेगी। गौरतलब है कि 14 जनवरी से कुंभ 2019 की शुरुआत होनी है ऐसे में प्रतिमा स्थापना का काम दिसंबर तक पूरा हो जाना है। प्रतिमा लगाने के लिए इलाहाबाद विकास प्रधिकरण ने टेंडर जारी कर दिया है। जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि सेना की सहमति के पहली बार ऐसा हो रहा है कि कुंभ के दौरान भक्त अक्षयवट का भी दर्शन कर सकेंगे।