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कुंभ में चाहिए संगम किनारे जमीन, नाराज खाकचौक ने दी प्रशासन को चेतावनी कहा ….

locationप्रयागराजPublished: Nov 21, 2018 12:39:38 pm

खाकचौक समिति के महामंत्री सतुआ बाबा ने कहा अगर प्रशासन ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम गंगा पूजन कर वापस चले जाएंगे

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प्रयागराज। कुंभ 2019 की तैयारी में जुटी सरकार और मेला प्रशासन के लिए रोज नई चुनौती बन रही है। अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती जमीन आवंटन की आ गई है। मेले में आने वाली करोड़ों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन संगम के आस—पास ज्यादा से ज्यादा जमीन खाली चाहती है जिससे तीर्थयात्रियों को सहूलियत रहे। वहीं, मेले में आने वाले साधु—संतों के अखाड़े उस जमीन को छोड़ने को राजी नहीं हो रहे हैं जहां वे हमेशा से बसते आए हैं। ऐसे में मेला प्रशासन बातचीत के जरिए अखाड़ों को मनाने की कोशिश में लगा है।

दरअसल अब बड़ा विवाद खाकचौक समिति को जमीन के आवंटन का है। खाकचौक समिति ने साफ कर दिया है कि वह संगम के किनारे जिस स्थान पर परंपरागत रूप से बसता आया है वहीं शिविर लगाएगा। खाकचौक समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा ने कहा है कि संगम और उसके आसपास जहां भी जमीन है वहीं जमीन आवंटित की जाए। प्रशासन अगर इससे अलग स्थान पर जमीन देता है तो खाकचौक कुंभ में अपना शिविर नहीं लगाएगा। कुंभ क्षेत्र में गंगा की धारा बदलने और गंगा-यमुना के संगम स्थल के बदलने से अखाड़ों और धार्मिक संगठनों को दी जाने वाली जमीन की जगह बदलने की संभावना है। इसी आशंका में खाक चौक समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी है।

इस बीच, समिति और प्रशासन के बीच समझौता करवाने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भी आगे आया है लेकिन बात नहीं बनी है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि मेला प्रशासन सभी साधु-संतों का सम्मान करेगा, लेकिन जमीनी हकीकत देखते हुए प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। जबकि खाकचौक समिति ने कहा है कि अगर उन्हें पुरानी जगह पर जमीन नहीं दी गई तो खाकचौक के साधु-सन्यासी गंगा पूजन करने के बाद वापस चले जाएंगे और कुंभ स्नान में शामील नहीं होंगे।

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