रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से 13 अखाडों के पदाधिकारियों के बीच बैठक आयोजित की। बैठक में कुल 14 बाबाओं को फर्जी बाबा की लिस्ट में डाला गया। साथ ही ऐसे 14 बाबाओं की लिस्ट शासन को सौंपने और उन पर कार्रवाई करने की मांग की। लिस्ट में इलाहाबाद सिविल लाइंस में रहने वाले कुशमुनि का नाम भी आया। इस संबंध में जब पत्रिका संवाददाता ने कुशमुनि से सवाल किया तो अखाड़ा परिषद के खिलाफ उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं अखाडा परिषद के दायरे में नहीं आता। 13 अखाड़ों में से किसी भी अखाड़े का मैं सदस्य नहीं। 2012 में उदासीन अखाडा का परित्याग किया।
कुशमुनि ने नरेंद्र गिरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि नरेंद्र गिरी ने हनुमान मंदिर के महंत के तौर पर कई अनैतिक कार्य किए हैं। मठ की सम्पत्ति की बेच डाली। उन्होंने निरंजनी अखाडे की भूमि सपा के एक नेता बेच दी थी। उस समय मैने सहायता की थी। ये सपा के मुलायम सिंह के परिवार के दलाल हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बाद में पता चला कि काफी पैसा नरेंद्र गिरी ने Property Dealing में लगा रखा है।
उन्होंने नरेंद्र गिरी पर महामंडलेश्वर पद बेचने का भी आरोप लगाया। साथ ही 13 अखाडों को महंतो को चुनौती देते हुए कहा कि यदि ये लोग पौरूष शक्ति रखते हुए अपना ब्रम्हचर्य प्रमाणित रख दें तो मैं अपने आप को फर्जी मान जांऊ। दावा किया कि किसी भी अखाड़े में कोई भी महंत ब्रम्हचारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो अखाड़े चरस, गांजा, अफीम का समाज में प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इनके द्वारा युवाओं को गलत मार्ग पर ले जाया जा रहा है। ये संत के नाम पर कलंक हैं। समाज को चाहिए कि ऐसी फर्जी बाबाओं का बहिष्कार करे तभी धर्म और समाज की रक्षा की जा सकेगी।