scriptइविवि में चुनाव प्रचार का आखिरी दिन आज, सभी पार्टियों ने झोंकी ताकत | Last day of Student union election campaigning at Allahabad University | Patrika News

इविवि में चुनाव प्रचार का आखिरी दिन आज, सभी पार्टियों ने झोंकी ताकत

locationप्रयागराजPublished: Oct 13, 2017 03:23:28 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

छात्र नेताओं के चुनाव प्रचार का आखिरी दिन, सभी दलों ने दिखाई ताकत

Student union Election

छात्र संघ चुनाव

इलाहाबाद. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के लिए आज आखिरी दिन चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। छात्र संगठनों को मजबूती देने के लिए राजनीतिक दलों के कद्दावर नेता आज शहर की गलियों में घूम रहे है। विश्वविद्यालय का छात्र संघ एशिया का सबसे पुराना छात्र संघ है।और देश के मजबूत छात्रसंघ के लिये जाना है। देश के पहले प्रधानमंत्री का गृहनगर होने के साथ ही लाल किले की प्राचीर पर यहां के छात्र नेताओं ने परचम लहराया है। पूरब के आक्सफोर्ड की धरती बौद्धिक और राजनीतिक रूप से मजबूत मानी जाती है। राजनीत के मंचों पर कहा जाता है। की यहाँ सड़कों पर लगाए गए नारे दिल्ली के गलियारों तक गुजते हैं। छात्र संघ में चुनाव धनबल बाहुबल की जोर आजमाइश भी जोरो पर है। जिसका प्रतिफल रहा की छात्र संघ चुनाव के शुरुआती दौर में ही एक बसपा नेता की हत्या विश्वविद्यालय के शोधछात्र को गोली मारी गई।और जिस तरीके से शहर की सड़कों पर सैकड़ों लग्जरी गाड़ियों का काफिला निकल रहा है। इससे धनबल बाहुबल और छात्र राजनीत का बदलता स्वरूप देखा जा रहा है।
कौन लेगा शपथ
बौद्धिकता के कैंपस इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इस बार छात्र संघ का अध्यक्ष उपाध्यक्ष महामंत्री कौन होगा। इसे तय करने का आज आखिरी दिन है। कल देर रात तक ही तय हो जाएगा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने इस बार छात्र राजनीत की कमान किस को सौंपी है। बीते चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को 40 साल बाद अध्यक्ष पद पर सफलता मिली थी।तो उसके पहले सैकड़ों साल का इतिहास बनातें हुए पहली अध्यक्ष महिला बनने का गौरव ऋचा सिंह को मिला है। इस बार छात्र संघ की प्राचीर कौन छात्र हित की शपथ लेगा यह कल पता च जायेगा।इस बार भी चुनाव मैदान विद्यार्थी परिषद् ने पहली महिला अध्यक्ष को चुनाव मैदान में उतारा है।
सांसद धर्मेन्द्र करेंगे छात्र सभा का प्रचार
सूबे की सत्ता हाथ से जाने के बाद समाजवादी पार्टी को दोबारा युवा नेतृत्व अखिलेश यादव के हाथ में जाते ही।युवाओं को आकर्षित करने के लिए समाजवादी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में समाजवादी छात्र सभा की मजबूत पकड़ मानी जाती है।अवनीश यादव छात्र संघ का प्रत्याशी समाजवादी छात्र सभा के प्रचार के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पूर्व विधायक एमएलसी और पूर्व मंत्री दो दिन से शहर में जमे हुए है।बीती देर रात तक समाजवादी छात्र सभा ने माइक मीटिंग कर समर्थन मांगा।जिसमें अतरौलिया के विधायक संग्राम यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व महामंत्री रहे हैं।राजसभा सांसद रेवती रमण सिंह के बेटे पूर्व मंत्री उज्जवल रमण सिंह यादव पूर्व विधायक सत्यवीर सिंह पूर्व अध्यक्ष पूर्व एमएलसी कमल सिंह यादव समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष निर्भय सिंह पटेल पूर्व विधायक प्रत्याशी विधानसभा चायल हेमंत सिंह सहित कई दिग्गज आधी रात तक माइक मीटिंग कर समाजवाद जोड़ने की कोशिश की।आज इस बात की भी चर्चा है।कि देर शाम तक सांसद धर्मेंद्र यादव भी इलाहाबाद पहुंच रहे हैं।धर्मेंद्र यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक है और शहर की राजनीति में उनकी मजबूत पैठ है।
परिषद के समर्थन में उतरे भाजपाई
वही सूबे की सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी अपने वैचारिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जनसभाएं कर समर्थन मांग रहे हैं।रहे उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी निवर्तमान मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी लगातार माइक मीटिंग कर विद्यार्थी परिषद के लिए वोट मांग रही है। वही के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई चुनावी मैदान में है। लगातार युवाओं को विद्यार्थी परिषद से जोड़ने और वोट करने का काम कर रहे हैं।जेएनयू की अध्यक्ष प्रत्याशी रही और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र निधि त्रिपाठी जोर शोर से माइक मीटिंग करके समर्थन मांग रही है।विद्यार्थी परिषद के संगठन के पदाधिकारी प्रांत और प्रदेश के चुनावी मैदान में डटे हैं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पैनल के लिए वोट मांग रहे।
एनएसयूआई के दाव से सब चित्त
कांग्रेस का अनुषांगिक संगठन एनएसयूआई आखरी समय पर अपना प्रत्याशी उतारकर चुनावी जंग को और रोचक बना दिया।साथ ही एनएसयूआई को बड़ा फायदा इसलिए मिल रहा है।विद्यार्थी परिषद के कर्मठ कार्यकर्ता को अपना ही अध्यक्ष प्रत्याशी घोषित किया सूरज दुबे के समर्थन के लिए एमसीआई की जेएनयू की पूर्व महामंत्री करिश्मा ठाकुर एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव विवेकानंद पाठक राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष सत्यवीर चौधरीए एनएसयूआई से ही पूर्व अध्यक्ष रहे अनिल चोपड़ा शहीत डीयू और जेएनयू के कई बड़े चेहरे इन दिनों से शहर में है।और जोर शोर से प्रचार अभियान में जुटे हुए एनएसयूआई बीते कई सालों से कमजोर हुई है ।जो इस बार आखरी समय पर दाव लगा कर सब की लड़ाई को कठिन बना दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो