रिमोट से संचालित होने वाला यह उपकरण पलक झपकते ही मदद के लिए डूबते हुए व्यक्ति तक पहुंच जाएगा और उसे बचा कर किनारे ले आएगा। पहली बार कुंभ मेले में लाइफबॉय का इस्तेमाल किया जा रहा है जो लोगों के जीवनरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
कुंभ मेले में अभी तक डूबते हुए श्रद्धालु को बचाने के लिए मेला प्रशासन द्वारा जलपुलिस गोताखोर और पीएसी के तैराक तैनात किए जाते थे लेकिन पहली बार मेला क्षेत्र में विस्तार होने और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कुंभ पुलिस ने महत्वपूर्ण तकनीक का सहारा लेते हुए रिमोट कंट्रोल लाइफबॉय को संचालित करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए पीएससी और जल पुलिस के जवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके अलावा जेल पुलिस द्वारा तैनात जवानों के जरिए कंट्रोल रूम से जल क्षेत्र में नजर रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। कंट्रोल रूम से डूबते हुए व्यक्ति को देखते ही लाइफबॉय मदद के लिए रवाना हो जाएगा। कुंभ मेले के लिए यूसेफ नाम के 20 रिमोट कंट्रोल लाइफबॉय मंगाये जा रहै हैं।
यूसेफ नामक लाइफबॉय घोड़े की नाल की तरह बना होता है स्वचालित और रिमोट से नियंत्रित होने वाला लाइफबॉय कठिन परिस्थितियों में भी काम करता है। मेला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इसका वजन लगभग 8 किलोग्राम होता है। इसको किसी भी मंच से लांच किया जा सकता है। डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के लिए बिना किसी के जीवन को खतरे में डालें एक दूसरे को बचा सकता है यूसुफ की स्पीड 2 किलोमीटर प्रति घंटा है यह लगभग 50 किलो तक के व्यक्ति को किनारे खींच कर ला सकता है।
संगम तट पर तैनात प्रभारी जल पुलिस कड़े दिन यादव ने बताया कि किसी डूब रहे व्यक्ति तक नाव से पहुँचने में ज्यादा समय लगता था लेकिन यह उपकरण बेहद मददकारी होगा। कुंभ मेले में 175 प्राइवेट और 65 प्रशिक्षित निजी गोताखोर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा रिमोट कंट्रोल लाइफबॉय गोताखोर व जल पुलिस में मैन पावर की कमी को पूरा करेगा।