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Lockdown में चौपट हुआ काम-धंधा तो युवक बन गया सन्यासी, आर्थिक तंगी के लिए मोदी और योगी को ठहराया जिम्मेदार, See Video

locationप्रयागराजPublished: Sep 15, 2021 11:32:52 am

Submitted by:

Hariom Dwivedi

संगमनगरी प्रयागराज में सन्यासी बने आशुतोष फर्राटे से बोलते हैं अंग्रेजी, कहा- आगे की जिंदगी मां गंगा के चरणों में ही बिताना चाहते हैं

Lockdown made unemployed man becomes hermit in prayagraj
प्रयागराज. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी लोगों को काफी प्रभावित किया है। महामारी के दौर में न जाने कितनों ने अपनों को खोया और कितने बेरोजगार हो गये। इन्हीं में से एक हैं प्रयागराज के आशुतोष श्रीवास्तव जो लॉकडाउन में इस तरह प्रभावित हुए कि अपना गृहस्थ जीवन छोड़कर सन्यासी बन गये। फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाले आशुतोष अब योगी का चोला पहने इधर-उधर भ्रमण करते हैं और परिवार की मोह माया से दूर संगम के किनारे एक पेड़ के नीचे रहते हैं।
पत्रिका से खास बातचीत में आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनकी नौकरी और ट्रैवल एजेंसी का काम बंद हो गया। इसके बाद गृहस्थ जीवन का खर्च चला पाना मुश्किल हो रहा था। पत्नी इकलौती बच्ची के साथ घर छोड़कर चली गई। नौकरी की तलाश में कई जगह हाथ-पैर मारे, लेकिन नाकामी ही हाथ लगी। आशुतोष ने बताया कि परिवार और संपत्ति से संपन्न होने के बावजूद वह किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना चाहते थे, नतीजन वह साधु बन गये। हालांकि, उनके इस फैसले से घर के सभी सदस्य उनसे नाराज हैं। आशुतोष का कहना है कि अब पारिवारिक जीवन त्याग कर वह पूरी तरह से सन्यासी हो चुके हैं। आगे की जिंदगी मां गंगा के चरणों में ही बिताना चाहते हैं।
निशाने पर बीजेपी सरकार
आशुतोष ने कहा कि मैं मजबूरी में साधु बना। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरी इस स्थिति के जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब हर शख्स परेशान था, तब दोनों सरकारें अपनी राजनीति चमकाने का काम कर रही थीं। आमजन मर रहे थे, लेकिन ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की बजाय ये लोग अयोध्या में राममंदिर निर्माण की नींव रख रहे थे।
ट्रैवेल एजेंसी और गाड़ी चलाने का करते थे काम
साधु बने आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड काल से पहले वह पूर्व विधायक सईद अहमद के यहां ड्राइवर की नौकरी करते थे। इसके साथ ही दो गाड़ियों को लोन पर लेकर ट्रेवल्स में भी लगा दिया था। लॉकडाउन की वजह से नौकरी चली गई और गाड़ी का लोन भी नहीं पूरा हो पाया। इसके बाद वह आर्थिक संकट में घिरते चले गये। बहुत संघर्ष करने के बाद भी जब असफलता मिली तो संगम किनारे सन्यासी बनकर भोलेनाथ का भक्त बनकर भक्ति में लीन हूं।
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https://youtu.be/qGUPajWDwzc
पिता राजा भैया के यहां हैं मुंशी
आशुतोष महाराज बेहद संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता बीते कई वर्षों से यूपी के पूर्व मंत्री राजा भैया के यहां मुंशी के पद पर काम करते हैं और माता सरकारी टीचर रह चुकी हैं। खुद भी नौकरी के साथ-साथ अपना काम कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन में सब तबाह हो गया। पत्नी और बच्ची घर छोड़ गई तो आशुतोष साधु बन गये।
ग्रेजुएट हैं आशुतोष
आशुतोष महाराज ने बताया कि उन्होंने ग्रेजुएट तक पढ़ाई की है। इंग्लिश पढ़ने और बोलने की अच्छी समझ है। बीते डेढ़ वर्षों में धर्म के बारे में जानकारी इकट्ठा करके मंत्रों का उच्चारण भी तेजी से करते हैं। उन्होंने बताया कि जब भी कोई विदेशी या दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं के पास वो भिक्षा लेने जाते हैं तो उनसे वो अंग्रेजी में बात करते हैं। आशुतोष श्रीवास्तव का कहना है कि वह किसी अखाड़े के साथ जुड़ना नहीं चाहते, क्योंकि अखाड़ों में भी बड़ी राजनीति होती है।
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