प्रदेश के सर्वाधिक विधानसभा वाला जिला इलाहाबाद नगर निकाय चुनाव में वोटिंग करने के मामले में सबसे कम है। इलाहाबाद नगर निकाय चुनाव मंे दोपहर 12 बजे तक मात्र 11.74 फीसदी ही वोटिंग हुआ। इसमें नगर निगम चुनाव में कुल 10 लाख 74 हजार 588 वोटरों मे से एक लाख 3522 वोट डालने निकले। जो कि कुल मतदाता का 9.63 फीसदी है। इसके अलावा नगर पंचायत चुनाव में सिरसा में 27.89 फीसदी, लालगोपालगंज में 29.91 फीसदी, झूंसी में 23.29 फीसदी, फूलपुर में 24.31 फीसदी, शंकरगढ़ में 25.94 फीसदी, कोरांव में 29.94 फीसदी, इण्डिया में 29.37, भारतगंज में 27.75 फीसदी और मऊआइमा में 28.60 फीसदी लोेगों ने दोपहर 12 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
इलाहाबाद में कम वोटर निकलने से प्रत्याशियों के दिलों की धड़कने तेज होने लगी हैं। क्योंकि जो भी फैंसला आएगा उसका परिणाम काफी नजदीकी हो सकता है। कम वोटिंग प्रतिशत से कई प्रत्याशियों को इस बाद बड़ा झटका लग सकता है। मालूम हो कि इलाहाबाद में महापौर के लिए 24 प्रत्याशियों ने ताल ठोकी हैै। नगर निकाय चुनाव में 10 लाख 57 हजार 768 वोटर प्रत्याशियों के भाग्य का फैंसला करेंगे। इसमंे 5 लाख 95 हजार से ज्यादा पुरूष और 4 लाख 61 हजार से ज्यादा महिला मतदात हैं। नगर में 216 मतदान केंद्र बनाया गया है। वर्ष 2000 में कुल 13 प्रत्याशियों ने महापौर प्रत्याशी के रूप में ताल ठोका था। उस दौरान कुल 3 लाख 16 हजार 614 वोट पड़े थे। 11433 वोट रद्द हो गए थे।
दो प्रमुख दल के प्रत्याशी ही 80 हजार का आंकड़ा पार कर पाए थे। उस चुनाव में हारजीत का अंदर मात्र 821 वोट था। उस दौरान केपी श्रीवास्तव विजयी हुए थे। वर्ष 2006 में कुल 18 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। 3 लाख 31 हजार 763 पड़े। जिसमें से मात्र दो प्रत्याशी ही 70 हजार वोट का आंकड़ा पार कर पाए। उस दौरान 14 हजार 932 वोट रद्द किए गए थे। उस चुनाव में हारजीत का अंदर 3 हजार 755 वोट था। चैधरी जितेंद्र नाथ सिंह को महापौर चुना गया था।
कई बूथों पर ईवीएम ने दिया धोखा
इलाहाबाद में कई बूथों पर ईवीएम ने धोखा दे दिया। मतदान शुरू होने के कुछ देर बार ही फाफामऊ के वार्ड 17 में तीनों मशीन खराब हो गई। इसके कारण मतदाताओं को काफी देर तक वोट डालने के लिए कतार में खड़ा रहना पड़ा। इसके अलावा अलोपीबाग के वार्ड 23 में बूथ संख्या 222 में भी करीब आधे घंटे मशीन खराब रही। इसके कारण वोटिंग का काम आधे घंटे प्रभावित रहा। आर्य कल्या काॅलेज में भी ईवीएम मशीन खराब रही। जिसे बाद मंे ठीक कर मतदान प्रकिया प्रारंभ हुई।
जगह-जगह हुई झड़प
मतदान शुरू होने के घंटेभर बाद ही शहर के विभिन्न बूथों पर छिटपुट घटनाएं शुरू हो गई। वार्ड 13 में तो दो पार्षद प्रत्याशियों के बीच ही फर्जी वोटिंग को लेकर बवाल हो गया। दो पक्षो के बीच बढ़ते विवाद को शांत कराने मौके पर पुलिस पहुंची। जिसे देख प्रत्याशियों ने उन्हें बीजेपी का दलाल कहते हुए उल्टासीधा कहना शुरू कर दिया। हालांकि किसी तरह से दोनों पक्षों को शांत कराया गया। इसके वार्ड नंबर 9 में चार फर्जी वोटर पकड़ने की बात सामने आई। हालांकि कीडगंज थानाप्रभारी के अनुसार वो फर्जी वोटर नहीं थे। ये लोग लाॅ एण्ड आॅर्डर को प्रभावित कर रहे थे। इसके कारण इन्हें पकड़ा गया है।