प्रयागराज समेत पूरा उतर प्रदेश कड़ाके की ठंड की चपेट में है। सर्द हवाओं से गलन में बेतहाशा वृद्घि हुई है, जिसके चलते लोगों को का परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे मौसम के बावजूद पौष पूर्णिमा स्नान और कल्पवास के लिये रात से ही श्रद्घालुओं का जत्था संगम मेला क्षेत्र पहुंचने लगा था। सुबह सूर्योदय से पहले पौष पूर्णिमा स्नान शुरू होने तक घाट खचाखच भरे हुए थे। पौष पूर्णिमा पर स्नान दान का बड़ा महत्व है। यही वजह है कि लाखों लोग संगम तट का रुख करते हैं। इसी के साथ एक महीने का कल्पवास भी शुरू हो जाता है। इस बार इसकी पूर्णता शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की तिथि यानि 27 फरवरी को कही जा रही है।
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार घाटों को विस्तार देकर काफी बड़ा किया गया है। माघ मेला 640 हेक्टेयर में 5 सेक्टरों में बसाया गया है। डीप वाटर बैरिकेटिंग के साथ ही जल पुलिस भी तैनात की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से माघ मेले में 16 इंट्री प्वाइंट बनाकर सभी पर सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया है। प्रवेश और निकास के लिये रूट भी अलग-अलग हैं। 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। 13 थाने और 38 चौकियां बनायी गयी हैं। इतना ही नहीं एटीएस, एसटीएफ, आईबी, एलआईयू समेत खूफिया एजेंसियां हर पल चौकन्नी हैं। श्रद्घालुओं से भी कोरोनो से बचाव की गाइड लाइन का पालन कराया जा रहा है।