एफआईआर वापस करने के लिए हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष केस वापस लेने का हलफनामा दाखिल करने के बाद स्वामी अमर गिरि की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक के पद से हटाए जाने के बाद उनकी चौबीस घंटे निगरानी बढ़ा दी गई है। उनकी जगह अब बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था दीपक पुजारी को सौंपी गई है। दीपक पुजारी ही अब लेटे हनुमान मंदिर में दान और चढ़ावे की रसीदों का हिसाब-किताब रख रहे हैं। साथ ही मंदिर के राग, भोग, पूजा, आरती, शृंगार और अभिषेक के सामान की व्यवस्था भी दीपक पुजारी ही कर रहे हैं।
24 घंटे कैमरे की नजर में है अमर गिरि मीडिया को अमर गिरि ने जानकारी दी है कि हाईकोर्ट में एफआईआर वापस करने की हलफनामा दाखिल करने के बाद से उन्हें बड़े हनुमानजी मंदिर व्यवस्थापक पद से मुक्त कर दिया गया है। इसके बाद चौबीस घंटे उनको कैमरे की निगरानी में रखा गया है। कहीं भी आने-जाने की छूट तक नहीं है। स्वामी अमर गिरि ने बताया कि उनकी जान को खतरा पैदा हो गया है।
व्यवस्थापक की जिम्मेदारी दी थी बड़े महराज स्वामी अमर गिरि ने जानकारी दी है कि लेटे हनुमानजी मंदिर में व्यवस्थापक की जिम्मेदारी महंत नरेंद्र गिरि ने दी थी। वह ब्रह्मलीन होने से पहले सुसाइड नोट पर भी यह जिम्मदारी देने की बात लिखी है। ऐसे में लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक पद से उनको हटाया ही नहीं जा सकता। दबाव बनाने के लिए जो प्रयाय किए जा रहे हैं, हम सच के साथ खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे।
बाघम्बरी गद्दी के उत्तराधिकारी है बलबीर गिरि स्वामी अमर गिरि ने यह भी कहा कि जब सुसाइड नोट के आधार पर बलबीर गिरि उत्तराधिकारी बने है तो बड़े महराज की बातों को क्यों ठुकराया गया। बाघम्बरी गद्दी से भी निष्कासित कर दिया गया है। महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है लेकिन मेरे द्वारा एफआईआर नहीं दी गई है।