scriptऑनलाइन आवेदन भरने के नाम पर कर रहे मनमानी वसूली | Online applications are named to fill arbitrary recovery | Patrika News

ऑनलाइन आवेदन भरने के नाम पर कर रहे मनमानी वसूली

locationप्रयागराजPublished: Nov 06, 2016 01:23:00 pm

Submitted by:

rajendra denok

मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन परीक्षा आवेदन प्रक्रिया होने के साथ ही कॉलेज छात्रों की ई-मित्र पर भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में कई ई-मित्र संचालक निर्धारित राशि से अधिक वसूलकर चांदी काट रहे हैं।

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Online applications are named to fill arbitrary recovery

मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन परीक्षा आवेदन प्रक्रिया होने के साथ ही कॉलेज छात्रों की ई-मित्र पर भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में कई ई-मित्र संचालक निर्धारित राशि से अधिक वसूलकर चांदी काट रहे हैं। शहर में कई ई-मित्र पर तो आवेदन भरने के लिए तीस से चालीस रुपए अधिक लिए जा रहे हैं। वैसे तो ई-मित्र पर विभिन्न सेवाओं के लिए निर्धारित राशि की गई है, पर कुछ ई-मित्र संचालक नियमों की पालना नहीं करते हुए अधिक राशि वसूल रहे हैं। निर्धारित सूची के अनुसार विभिन्न यूनिवर्सिटियों में परीक्षा फीस ऑनलाइन जमा करवाने के लिए पांच से दस रुपए तथा ऑनलाइन फार्म भरने के लिए तीस रुपए (फोटो व प्रमाण पत्र स्कैन करने पर) निर्धारित किए गए है, जबकि शहर में कुछ ई-मित्र संचालक तो एक छात्र से आवेदन करने के अस्सी रुपए तक ले रहे हैं। वहीं कुछ ई-मित्र संचालक बिना ऑनलाइन फीस जमा करवाएं ही फार्म भरने के पचास रुपए ले रहे हैं। बीएससी सैकंड ईयर के छात्र अल्पेश प्रजापत व बीएसी सैकंड ईयर की ज्योति सैनी ने बताया कि शहर में सभी जगह अलग-अलग राशि ली जा रही है, जबकि रसीद में राशि कम अंकित होती है। कोई पचास रुपए ले रहा है तो कोई अस्सी रुपए। छात्र भी आवेदन तिथि के नजदीक होने व जल्दबाजी के चक्कर में मांगी गई राशि चुकाकर आवेदन करने को विवश है।
रेट लिस्ट नहीं होना भी एक कारण
कई ई-मित्र केन्द्रों पर सेवाओं व सेवाओं के लिए मूल्य की सूची अब तक नहीं लगी है। कुछ स्थानों पर रेट-लिस्ट लगी भी है तो वहां या तो सूची अस्पष्ट होती है या ऐसी जगह लगाई जाती है जहां ग्राहक की नजर ही ना पड़े। अधिक राशि नहीं वसूलने व सही स्थान पर रेट लिस्ट लगाने के प्रति प्रशासनिक अनदेखी के चलते ग्राहक ठगे जा रहे हैं। ग्राहकों में जागरूकता की कमी भी ठगे जाने का कारण है। कई छात्र जल्दबाजी में कम्प्यूटर जनरेटेड रसीद ही नहीं लेते हैं। इस रसीद में आवेदन करने के लिए वसूली गई राशि की जानकारी होती है।
बैंक व कॉलेज में कतार
ई-मित्र केन्द्र पर भीड़ के बाद भी छात्रों के लिए परेशानी खत्म नहीं होती। ऑनलाइन फीस जमा नहीं होने पर उन्हें बैंक से चालान कटवाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। शहर स्थित कई बैंक में भी छात्रों की कतार लग जाती है। चालान जमा होने के बाद कॉलेज में आवेदन की हार्डकॉपी जमा करवाने के लिए दुबारा कतार लगती है। ऐसे में छात्रों को परीक्षा आवेदन के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है।
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