यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने बार एसोसियेशन के पूर्व महासचिव प्रभाशंकर मिश्र की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सड़क के दोनों तरफ के नाले ढंके जाय और सड़क व नाले के बीच में सीमेंट की ईंट बिछाकर समतल किया जाय तथा वेंडरों को हाईकोर्ट गेट संख्या 4 व 5 के सामने की फुटपाथ की दूकानों को उचित स्थान पर शिफ्ट किया जाय। फ्लाई ओवर ब्रिज के नीचे की सड़क का मानक के अनुरूप चैड़ीकरण किया जाय। पीडीए की पत्रावली से स्पष्ट हुआ कि अतिक्रमण करने वाले लोगों को 15 नोटिसें जारी की गयी है किंतु कार्यवाई नहीं हुई।
कोर्ट ने कार्यवाही 3 माह में पूरी करने का आदेश दिया। बार के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पांडेय ने कोर्ट को बताया कि फ्लाई ओवर के नीचे की सड़कों पर चलने में दिक्कत आ रही है। नाले की सफाई व देखभाल नहीं की जा रही है। गेट के सामने दूकानें लगने से लोगो व वादकारियों को परेशानी हो रही है। विभागों में आपसी सहयोग न होने के कारण कार्य सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। कोर्ट ने महाराष्ट्र एकता हाकर्स यूनियन केस में सुप्रीम कोर्ट के सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को दिए गए निर्देशों का पालन करने को कहा है।