कुछ माह पहले पट्टीदारी में जमीन के विवाद को लेकर हुई मारपीट के बाद, वह विपक्षियों पर मामले में कार्रवाई की मांग कर रहा था। इस संबध में उसने एसएसपी से भी मुलाकात की थी। मामले के एक दिन पूर्व गांव में गए हल्का दरोगा सुभाष से उसकी बहस होने की बात कही जा रही है। जिसके बाद सोमवार को बेटे मनीष मिश्रा के साथ थाने पहुंचा और यह कहते हुए गाली- गलौज शुरु कर दी, कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई गांव में आने की। प्रदेश में हमारी सरकार है तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा। इसके बाद वह हल्का दरोगा से भिड़ गया। इस बीच थाने में मौजूद सिपाहीयों ने बीच बचाव का प्रयास किया तो मामला और बढ़ गया। थाने में टेबल पर मौजूद फाइलों को तितर-बितर करने के बाद दरोगा की वर्दी फाड़ दी। जिसके बाद थाने पर मौजूद पुलिस कर्मीयों ने दोनों की जमकर पिटाई करने के बाद हवालात में डाल दिया।
मामले में बीच बचाव करने गई महिला दरोगा पूनम की तहरीर पर कार्रवाई करते हए पुलिस ने पिता पुत्र के खिलाफ़ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। वही दूसरी ओर मामले में जिलाध्यक्ष अमारनाथ तिवारी का कहना है कि इस नाम का कोई व्यक्ति बीजेपी में किसी पद पर नहीं है।