जावेद मोहम्मद से कस्टडी रिमांड में पता चला है कि कानपुर दंगों के आरोपियों की पैरवी में आए कानपुर निवासी मुस्लिम संगठन के पदाधिकारी से मुलाकात के बाद करेली इलाके में एक मीटिंग की गई थी। इस मीटिंग में ही यह योजना बनी थी कि 10 जून को जुमे की नमाज के बाद अटाला में प्रदर्शन किया जाना है। खास बात यह है कि इस मीटिंग में करेली व खुल्दाबाद के कई प्रभावशाली लोग भी उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें – 8 साल भारत के इतिहास के लिए गोल्डन पीरियड है-सिद्धार्थ नाथ सिंह इसमें करेली स्थित एक मौलाना का नाम शामिल था। इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी पहुंचे थे जो राजनीति में सक्रिय हैं और उनकी युवाओं पर अच्छी-खासी पकड़ है। जावेद मोहम्मद से कस्टडी रिमांड में हुई पूछताछ के दौरान एक बेहद चौंकाने वाली बात भी सामने आई है। वह यही बात है कि अटाला में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन किया जाना है, इस बात की जानकारी एक छात्र संगठन के पदाधिकारी को भी थी। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि वह दूसरे समुदाय से हैं। पुलिस के अनुसार, जिनके नाम सामने आए हैं उनसे पूछताछ की जाएगी। बवाल में उनकी संलिप्तात की जांच की जाएगी। अगर उनकी भूमिका संदिग्ध मिलती है तो मुकदमे में उनका नाम शामिल किया जाएगा।
मोबाइल के सीडीआर से मिली जानकारी जावेद पंप से अब तक यह पूछा जा चुका है कि जुमे के दिन यानी तीन जून को उसकी फोन पर किन लोगों से बात हुई थी। दरअसल उसके मोबाइल की सीडीआर से कुछ ऐसे भी नंबरों की जानकारी मिली है जो फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव नहीं थे। ऐसे में इन्हीं नंबरों के संबंध में उससे जानकारी मांगी गई।