scriptरामकथा में झलकेगी मारवाड़ी संस्कृति व रेगिस्तानी सौंदर्य | Marwari culture and beauty of the desert would be reflected eventually in the story: | Patrika News

रामकथा में झलकेगी मारवाड़ी संस्कृति व रेगिस्तानी सौंदर्य

locationप्रयागराजPublished: Oct 29, 2016 07:47:00 pm

Submitted by:

jitendra changani

-मोरारी बापू के कथा पांडाल को रेगिस्तानी लुक देने में जुटे कारीगर

ramkatha

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पोकरण. छोटी काशी के नाम से विख्यात रामदेवनगरी में संत मुरारी बापू की कथा के दौरान मारवाड़ की संस्कृति व रेगिस्तानी सौन्दर्य का लुक देने के लिए कलाकार इन दिनों जोर-शोर से जुटे हुए है। जानकारों के अनुसार रामकथा के दौरान रेगिस्तानी छटा का संदेश मिलता रहे, इसके लिए मंच को विशेष प्रकार से सजाया जा रहा है। इसी के अनुरुप पांडाल में व्यास पीठ व मंच का चित्रण किया जा रहा है। रेगिस्तानी धोरों पर लोक देवता बाबा रामेदव को घोड़े की सवारी करते हुए का चित्रण किया गया है। इस विशेष चित्रण से पश्चिमी क्षेत्र के लोगों को कथा की ओर आकर्षित करने का संदेश देने की योजना है।
गौरतलब है कि संत मुरारी बापू की ओर से पांच से 13 नवम्बर तक रामदेवरा गांव में रामकथा पर प्रवचन किए जाएंगे। क्षेत्र में पहली बार वृहद स्तर पर आयोजित हो रही रामकथा को लेकर गत एक माह से तैयारियां चल रही है। इसके अंतर्गत कथास्थल पर विशाल पांडाल लगाया गया है। यहां पास ही भोजन के लिए एक अलग से शामियाना लगाया गया है। इसके अलावा कथास्थल के पास एक अस्थाई कार्यालय भी स्थापित किया गया है। यहां आने वाले 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए पोकरण, रामदेवरा व फलोदी में होटलों व धर्मशालाओं को बुक किया गया है। इसी तरह मुरारी बापू के निवास के लिए गोमट गांव के पास एक फार्म हाऊस में कुटिया का निर्माण करवाया गया है। यहां भी एक विशाल शामियाना लगाया गया है, जिसमें संतों के लिए आवास की व्यवस्था की गई है।
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