उन्होंने छह प्रांताें से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों में भक्ति भाव आए इसके लिये गोमुख से लेकर गंगा सागर तक गंगा किनारे बसे हर गांव में गंगा आरती होनी चाहिये। लोगों में गंगा कें प्रति भक्ति भावना होगी तो लोग खुद आसपास का वातावरण स्वचछ रखने में सहयोग करेंगे। संघ प्रमुख ने कहा कि गंगा के व्यापक निर्मलीकरण एवं उससे संबंधित विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई। मोहन भागवत ने कहा कि गंगा निर्मल और अविरल होकर रहेंगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, गंगा समग्र के केंद्रीय महामंत्री डॉ आशीष गौतम और केंद्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र जायसवाल की उपस्थिति में संघ प्रमुख ने कहा कि निर्मल गंगा अविरल गंगा अभियान को आगे बढ़ाने के लिए विकास और पर्यावरण दोनों ध्यान समान रूप से रखना होगा। इसमें संतुलन बनाना जरूरी है। इसके लिये उन्होंने आध्यात्म और विज्ञान दोनों को जरूरी बताया। इस काम में लगे सभी कार्यकर्ताओं को नदियों के लिये जल प्रबंधन और जल संरक्षण का पूरा ज्ञान होना जरूरी बताया। इस काम के लिए उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से संतों का आशीर्वाद लेने का आग्रह किया।