कोर्ट ने रिकाल अर्जी खारिज करते हुए विधायक सहित अन्य दो आरोपियों को जेल भेज दिया। उक्त प्रकरण में अभियुक्तों पर आरोप है कि 1 अगस्त 03 को मेहिया तिराहे पर सभा कर यातायात जाम किये थे । सभी के खिलाफ 2004 से गैर जमानतीय वारण्ट चल रहा था । लेकिन इस मामले में ये हाजिर नहीं हो रहे थे। कोर्टच की फटकार के बाद जैसे ही अदालत में समर्पण की कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए तीनों को जेल भेज दिया। 1989 में स्वामी नाथ देवरिया से निर्दलीय विधायक बने थे। बाद में ये मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी भी 1993 में एक बार फिर सपा के टिकट पर देवरिया से ये विधानसभा जीत गए।
मुलायम सिंह को बनावाया था मुख्यमंत्री मुलायम की पार्टी जनता दल ने 425 में से 208 सीटें जीती थीं और स्वामी नाथ ने 40 अन्य विधायकों को सरकार का समर्थन करने के लिए राजी कर लिया था। वह सरकार हालांकि दो साल ही चल सकी, लेकिन स्वामी नाथ का जनता परिवार में काफी नाम रहा।
वक्त के साथ मुलायम और स्वामी की दोस्ती इतना गहरी हो गई कि आगे चलकर 1992 में जब मुलायम ने समाजवादी पार्टी लॉन्च की, तो उन्होंने चुनाव आयोग से चुनाव चिह्न के तौर पर साइकल ही देने को कहा। 1993 में स्वामी नाथ ने एसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए।