प्रीतमनगर स्थित गैस एजेंसी संचालक प्रदीप जायसवाल अपनी लाइसेंसी रिवाॅल्वर पाॅलिथीन में छिपा कर घर में रख दिए। इसके बाद वो किसी काम से घर से बाहर चले गए। पाॅलिथीन में रिवाॅल्वर होने की जानकारी उनकी पत्नी को बिल्कुल नहीं था। प्रदीप की पत्नी ने घर की सफाई कर कूड़ा एक जगह रखा और जैसे ही कूड़ा ले जाने के लिए हरीभरी संस्था का डंभर आया। उसने कूड़ा डंभर मंे फेंक दिया। इसके बाद जब प्रदीप घर आए तो उन्होंने रिवाॅल्वर रखी पाॅलिथीन को गायब देखा। उन्होंने तत्काल पाॅलिथीन के बारे में पत्नी से पूछा। वहीं पत्नी ने जैसे ही बताया कि उन्होंने उसे कूड़े वाले डंफर में फेंक दिया। प्रदीप के होश उड़ गए। वहीं पत्नी को भी जब सच्चाई का पता चला तो उसने भी माथा पकड़ लिया। इसके बाद प्रदीप ने सफाई इंस्पेक्टर के पास तत्काल फोन किया। फोन कर उसने तत्काल मामले की जानकारी दी।
सफाई इंस्पेक्टर ने उस मुहल्ले में गए डंफर और सफाईकर्मियों के बारे में पता लगाया। वहां से कूड़ा उठाने वाले सफाईकर्मचारियों ने बताया कि डंफर का कूड़ा बसवार स्थित बसवार ट्रीटमेंट प्लांट चला गया। इसके बाद सोमवार दिनभर और देर रात तक नगर निगम और हरीभरी संस्था की टीम कूड़े के ढ़ेर से रिवाॅल्वर को खोजती रही लेकिन अभी तक रिवाॅल्वर का कोई पता नहीं चल पाया है। यहां तक की रिवाॅल्वर को खोजने के लिए जेसीबी के माध्यम से हजारो टन कूड़े को इधर से उधर भी किया गया। बावजूद इसके रिवाॅल्वर नहीं मिला।