वकील की दलील पॉलीग्राफ टेस्ट मानवाधिकार का उल्लंघन मुख्य आरोपी आनन्द गिरि और अन्य आरोपियों ने कहा कि सीबीआई रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ कर चुकी है। आनन्द गिरि के वकील सुधीर श्रीवास्तव और विजय द्विवेदी ने भी पालीग्राफ टेस्ट कराने का विरोध किया। वकीलों ने कहा कि ये पूरी तरह से मानवाधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुताबिक भी पालीग्राफ टेस्ट के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
सीबीआई की अर्जी खारिज सीबीआई ने 12 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट में पालीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति के लिए अर्जी दाखिल की थी। दरअसल पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए आरोपियों की सहमति ज़रूरी होती है। सीजेएम हरेन्द्र नाथ की कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया था। जिसके बाद कोर्ट ने देर शाम फैसला सुनाते हुए सीबीआई की अर्जी खारिज कर दी है।
12 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ी वहीं सीजेएम कोर्ट ने सोमवार को तीनों आरोपियों की 12 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। सीजेएम कोर्ट ने मुख्य आरोपी आनन्द गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी की न्यायिक हिरासत 30 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है। अब इस मामले में 30 अक्टूबर को अदालत फिर से मामले की सुनवाई करेगी। जिसमें आरोपियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से नैनी सेंट्रल जेल से पेशी करायी जाएगी। मामले की जांच कर रही सीबीआई कोर्ट को विवेचना में आये नये तथ्यों की जानकारी देगी। गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि को आत्म हत्या के लिए उकसाने के तीनों आरोपी नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।