इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीम नाविकों को सवारी बैठाने के बाद नदी में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी विस्तार से बताया । जनवरी में लगने वाले कुंभ मेले में प्रयागराज में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुरक्षित घर वापसी के लिये पूरे मेला क्षेत्र में एनडीआरएफ की कई टीमें तैनात रहेंगी । नाविकों को प्रशिक्षण देने के साथ ही हादसे में बचाये गये लोगों को को कैसे प्राथमिक उपचार देते हुये हास्पिटल तक पहुंचाना है इस बारे में भी एनडीआरएफ नाविकों को प्रशिक्षण दे रही है । एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेट का कहना है कि नाविकों को इस तरह से ट्रेनिंग दी जा रही है कि जिससे कोई हादसा होने पर नाविक खुद को सुरक्षित बचाते हुये अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित जिंदा बचा सकें ।
कुम्भ को ध्यान मे रखते हुए एनडीआरएफ ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है । जिसके तहत आलोक कुमार सिंह उप महानिरीक्षक के दिशा निर्देश पर उप कमांडेंट पी एन शर्मा निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार पाण्डेय और निरीक्षक मिथिलेश कुमार ने कुम्भ मेले के दौरान होने वाले संभावित आपदाओ का जायजा लिया और संवेदनशील घाटों व स्थानों को चिन्हित किया जिससे मेले मे होने वाली आपदा को समय पूर्व नियंत्रण कर लिया जाए उन्होंने बताया की कुम्भ मेले की तैयारी के मद्धेनजर सिविल डिफेन्स के तीन बैच मे कुल 150 वार्डन को पुलिस के सभी कर्मियों को प्रशिक्षित किया और जल्द ही सभी नाविको जल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के 2000 कर्मियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना बनाई है ।
इसके अतिरिक्त मेले मे कुल 12 टीमों की तैनाती की जाएगी। जिसमे वाटर रेस्क्यू की 09 टीमे ध्वसत ढांचा खोज एवं बचाव की 02 टीमे और इमरजेंसी की 01 टीम तैनात की जाएगी जो की किसी भी आपदा से निपटने के लिए जीवन रक्षक उपकरण से सुसज्जित रहेंगी ।
एनडीआरएफ के अधिकारीयों ने बताया की एक कण्ट्रोल रूम मेले के मध्य स्थापित किया जा रहा है। जिससे सभी विभागों के साथ तालमेल बनाया जा सके और और डाटा मॉनिटरिंग तथा स्थितियों का मूल्यांकन किया जा सके। नाविको के प्रशिक्षण कार्यक्रम मे प्रोजेक्टर पर बचाव के तरीको के बारे मे दिखाया गए मास्टर ट्रेनरो द्वारा गंगा जी मे लाइव डेमो दिखाया गया और नाविकों से इसका अभ्यास कराया गया आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आदमी डूब रहा हो तो उसे बाहर निकालने का तरीका और उसके पेट का पानी निकालने का तरीका बताया गया । यदि तैरना नहीं आ रहा हो तो किसी डूब रहे व्यक्ति को कैसे बचाया जाए इसकी ट्रेनिंग भी मास्टर ट्रेनर द्वारा दी गई । कोई डूबने से बेहोश हो जाए तो उसे होश मे कैसे लाए और सीपीआर देकर उसकी जान को कैसे बचाया जाए इसका भी प्रशिक्षण दिया गया और नाविकों से अभ्यास कराया गया।