इन पदों के लिए निकाली गई है वैकेंसी
इलाबाद हाईकोर्ट द्वारा लिफ्ट आपरेटर व इलेक्ट्रिकल पोस्ट के लिए 38 पदों पर वैकेंसी निकाली गई है। यह भर्ती लंबे समय से हाईकोर्ट में लिफ्ट आपरेटरों और इलेक्ट्रिकल कर्मचारियों की कमी को देखते हुए निकाली गई है।
आवेदन की आखिरी तिथि और शुल्क
आवेदनकर्ता 21 दिसंबर से लेकर 8 जनवरी तक आवेदन कर सकते है। सामान्य श्रेणी और OBC उम्मीदवारों के लिए 500, SC/ ST के लिए 300 रुपये आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है।
आवेदनकर्ता 21 दिसंबर से लेकर 8 जनवरी तक आवेदन कर सकते है। सामान्य श्रेणी और OBC उम्मीदवारों के लिए 500, SC/ ST के लिए 300 रुपये आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है।
दो चरण में होगी परीक्षा औऱ इतनी मिलेगी सैलरी
आवेदनकर्ताओं को चयन प्रक्रिया के तहत दो चरण में परीक्षा देनी होगी। नियुक्ती पाने वाले अभ्यर्थी को 5200 से 20200 रुपये तक की सैलरी मिलेगी।
यहां करे आवेदन
आवेदनकर्ताओं को चयन प्रक्रिया के तहत दो चरण में परीक्षा देनी होगी। नियुक्ती पाने वाले अभ्यर्थी को 5200 से 20200 रुपये तक की सैलरी मिलेगी।
यहां करे आवेदन
आवेदनकर्ता आवेदन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की वेबसाइट www.allahabadhighcourt.in पर जाकर कर सकते हैं। वृंदावन में घरों की गलत जानकारी देने पर कोर्ट सख्त
कहा, मुख्य सचिव कार्रवाई करें नहीं तो कोर्ट देगी अवमानना नोटिस
कहा, मुख्य सचिव कार्रवाई करें नहीं तो कोर्ट देगी अवमानना नोटिस
इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृन्दावन में घरों की गलत संख्या बताने पर कड़ा एतराज किया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से गलत दस्तावेज देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करें अन्यथा कोर्ट गलत हलफनामा देने के लिए कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने मुख्य सचिव से 22 दिसम्बर को कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन व न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने मधुमंगल शुक्ला की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने जल निगम मथुरा वृंदावन से यमुना प्रदूषण मामले में वृन्दावन में भवनों की
संख्या की जानकारी मांगी थी। जिस पर हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि वृन्दावन में 11034 घर हैं जिसमें 6 हजार से अधिक में सीवर कनेक्शन है। शेष में नहीं है। मुख्य सचिव ने भी लगभग इसी प्रकार का हलफनामा दिया है। जिसे कोर्ट ने विश्वसनीय नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर
मामला है। जिस अधिकारी ने मुख्य सचिव को गलत डाटा दिया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा कोर्ट इस मामले में अवमानना की कार्रवाई करेगी। बरेली नगर पालिका चेयरमैन व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर पालिका परिषद नवाबगंज बरेली और
अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। चेयरमैन सहला ताहिर, डा.अजीज और अन्य आरोपियों की याचिका पर न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी तथा ए.सी.शर्मा की पीठ ने याची के अधिवक्ता विजय गौतम की दलीलों को सुनने के बाद यह आदेश दिया। घटना 29 नवम्बर 17 की है। नगर पालिका चेयरमैन पद के लिए मतदान के दौरान बसपा और भाजपा
समर्थकों के बीच झड़प हो गयी। भाजपा प्रत्याशी प्रेमलता राठौर ने सहला ताहिर और उनके देवर व अन्य सहित पचास लोगांे के खिलाफ जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट दर्ज करायी है। इस मामले में आरोपीगण की ओर से तीन अलग अलग याचिकाएं दाखिल की गयी थी। अधिवक्ता विजय गौतम की दलील थी कि सहला ताहिर के चुनाव कार्यालय को पेटंोल डालकर जला दिया गया था जिसमें भाजपा के 21 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। याची केदेवर आरिफ को गंभीर चोटें आयी। इस मुकदमे को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। याची द्वारा ऐसा न करने पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।