दोनों पक्षों की तहरीर पर लिखा गया है तहरीर भाजपा एमएलसी और एक्सईएन विवाद के बाद दोनों पक्षों दी गई तहरीर पर एक दिन पहले एफआईआर दर्ज की गई थी। एक्सईएन की तहरीर पर भाजपा एमएलसी समेत अन्य लोगों पर मारपीट, धमकी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इसके बाद एमएलसी की तहरीर पर एक्सईएन व अन्य कर्मचारियों पर रिपोर्ट लिखी गई थी। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जांच में जुटी पुलिस जांच टीम पुलिस का कहना है कि जिस कार्यालय में यह घटना हुई, वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था। जिसकी वजह से अभी स्पष्ट नहीं हुआ कि लगाया गया आरोप कितना सही है। कार्यालय में सीसीटीवी कैमरा लगा होगा तो उसमें पूरी घटना कैद हुई होगी। लेकिन कैमरा न लगा होने की घटना का सच पता नहीं लग पा रहा है। जांच को आगे बढ़ाने के लिए अब घटना के समय रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल की गई मोबाइल मिलने के बाद ही खुलासा होगा। मामले में जांच कर रहे एसओ जार्जटाउन बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि जांच पड़ताल की जा रही है।
कर्मचारियों में है आक्रोश भाजपा एमएलसी द्वारा एक्सईएन मनोज कुमार अग्रवाल की पिटाई के बाद उन पर राजनीतिक दबाव से एफआईआर दर्ज कराए जाने से बिजली अभियंता और कर्मचारी आक्रोशित हैं। रविवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर अभियंता संगठनों और कर्मचारियों की हाइडिल परिसर में हुई बैठक में एमएलसी की तहरीर को झूठा करार दिया गया। मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो बिजली कर्मचारी बड़े आंदोलन की तरफ रुख करेंगे।