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कुंभ के बाद प्रयागराज में महामारी का खतरा, एनजीटी ने सौंपी रिपोर्ट

locationप्रयागराजPublished: May 22, 2019 09:33:38 pm

नगर निगम पर अनदेखी का आरोप, मेला अधिकारी का दावा मेला क्षेत्र में नही है गंदगी

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प्रसून पांडेय
प्रयागराज. यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन कर जमकर वाहवाही लूटी थी, लेकिन कुंभ की भव्यता के बाद आई एनजीटी की रिपोर्ट ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के साथ- साथ योगी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है । एनजीटी की रिपोर्ट में कहा गया की मेले के दौरान इकट्ठा हुए कचरे निस्तारित नही हुए है। कचरा और निर्माण सामग्री मेला क्षेत्र से दूर बसवार गांव में सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर जमा हुई है। रिपोर्ट के तहत अगर बरसात के पहले हजारों टन जमा कचरे को निस्तारित नहीं किया गया तो जिले भर में बीमारियां फैलने का बड़ा खतरा है। हालांकि मेला प्रशासन ने इस मामले पर साफ किया है कि हमने अपनी रिपोर्ट एनजीटी भेज दी है और किसी प्रकार का खतरा नही है ट्रीटमेंट प्लांट में काम शुरू हो चुका है, मेला क्षेत्र बिलकुल क्लीन है ।

स्वच्छ कुंभ सवालों के घेरे में
कुंभ के दौरान स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छ कुंभ, दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ सरकार का सबसे बड़ा स्लोगन था । प्रधानमंत्री ने स्वच्छाग्रहियों का पांव धोकर देशभर में सुर्खियां बटोरी थी। लेकिन कुंभ के बाद गंदगी को लेकर सवाल खड़े होने लगे। एनजीटी की रिपोर्ट के बाद अधिकारियों में खलबली मची जिसके बाद काम शुरू हो रहा है।

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नगर निगम पर अनदेखी का आरोप
कुंभ मेले में केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कुंभ में 4236 करोड़ रुपए आवंटित किया था। दरअसल कुंभ मेले के दौरान करोड़ों लोग शहर में आए, स्वच्छ कुंभ बनाने क लिए हर दिन बड़े पैमाने पर मेला क्षेत्र की सफाई करके वेस्टेज को ट्रीटमेंट प्लांट भेजा जा रहा था, लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट के संचालित ना होने से कचरा जमा हो गया है। ट्रीटमेंट प्लांट के संचालक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कुंभ से पहले हमने नगर निगम को प्रस्ताव भेजा था लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा यह हुआ कि कचरा इकट्ठा हो गया, हमारी क्षमता से ज्यादा कचरा हमारे प्लांट पर आने के चलते काम कुछ दिन बंद रहा था, लेकिन दो दिन के अंदर मशीन चलने लगेंगी।

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एनजीटी की रिपोर्ट में बताया महामारी का खतरा
एनजीटी की रिपोर्ट के मुताबिक़ कचरे के चलते ग्रामीण इलाकों में डायरिया बुखार, वायरल, हेपिटाइटिस और कालरा जैसी बीमारी के फैलने का खतरा है । जिसको देखते हुए एनजीटी ने बीते माह अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जिम्मेदार लोग की जवाबदेही तय की जाए ताकि महामारी फैलने से रोका जा सके । पत्रिका की टीम जब बसवार प्लांट पर जाकर वहां के लोगों से बात कि उन्होंने बताया कि बसवार प्लांट 2011 में स्थापित हुआ था, 2018 तक लगातार काम चलता रहा । एनजीटी की रिपोर्ट के मुताबिक यह 2018 से काम नहीं कर रहा है । ट्रीटमेंट प्लांट के कर्मचारियों के मुताबिक काम चार माह पहले तक चल रहा था । प्लांट की क्षमता से अधिक कचरा आने की वजह से निस्तारित नहीं हो सका । प्लांट में मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि इन मशीनों की क्षमता हर दिन 400 टन कचरा साफ करने की है लेकिन कुंभ के दौरान 800 से 900 टन तक सॉलिड वेस्ट कचरा यहां पर पहुंचता था । इसकी वजह से प्लांट भर गया और काम नहीं हो सका।

60 हजार टन कचरा इकठ्ठा
एनजीटी की तरफ से बनाई गई निगरानी समिति की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अरुण टंडन की कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी उसके मुताबिक बसवार प्लांट में मौजूदा समय में 60,000 मैट्रिक टन कचरा जमा है इसमें से करीब 18,000 मैट्रिक टन कचरा कुंभ मेले का है। जस्टिस टंडन की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लगभग 2000 मेट्रिक टन ठोस कचरे को अलग करके रिसाइकल और ऑर्गेनिक खाद बनाने के लिए कचरे में मौजूद चीजों को अलग करना चाहिए था, जिसे बिना अलग किए बसवार प्लांट पहुंचाया गया है जो कि एनजीटी के आदेश और प्रबंधन नियम 2016 का उल्लंघन बताया गया है।

मेला प्रशासन ने दी सफाई
वही नगर आयुक्त उज्जवल कुमार ने कहा हम एनजीटी की रिपोर्ट पर गंभीर है। किसी भी तरह की बीमारी या समस्या न हो इसके लिए काम हो रहा है । किसी भी तरह की महामारी जैसी स्थित नही है। वही उन्होंने कहा की प्लांट में कचरे को लाने के बाद उसके वेस्टेज को वहीं पर अलग किया जाता है। बसवार प्लांट सितंबर 2018 से बंद नहीं था, वह बीच.बीच में चलता रहता है।

मेला क्षेत्र में नही है गंदगी : विजय किरण आनंद
कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने पत्रिका को बताया की एनजीटी की रिपोर्ट के बाद हमने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। पूरे मेला क्षेत्र की तस्वीरे ड्रोन तस्वीरे सब उन्हें भेजी गई है। जिस रिपोर्ट की बात हो रही है वह ट्रीटमेंट प्लांट के लिए है जो 2011 में स्थापित हुआ है। हां यह सच है की कुंभ के दौरान वहां कचरा गया है। जो निस्तारित नही है लेकिन काम चल रहा है वहां किसी भी तरह की महामारी की स्थिति नही है।

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