शुक्रवार को महामंडलेश्वर की उपाधि पाने वाले ये विदेशी संत साईं मां के शिष्य हैं। लक्ष्मीदेवी साईं मां एक फाउंडेशन चला कर हजारों विदेशियों को हिंदू धर्म से जोड़ रही हैं। निर्मोही अखाड़ेे में महामंडलेश्वर अभिषेक के बाद सभी संन्यासी साईं मां के शिविर में पहुंचे। यहां पर विधि विधान के साथ गुरू पूजन की गई।
अनंत दास- अमेरिका (वर्तमान में भारत में), यूएस से स्नातक
श्रीदेवी मां- अमेरिका, सात साल की आयु में महर्षि महेश योगी संस्थान से जुड़ी, वूमन स्टडी से ग्रेज्युएट
परमेश्वर दास- अमेरिका, मनोविज्ञान के विशेषज्ञ
राजेश्वरी मां- जापान, पेशे से जर्मनी, जापानी और अंग्रेजी की शिक्षिका
त्रिवेणी दास- अमेरिका, मनोविज्ञान से स्नातकोत्तर
जीवन दास- अमेरिका, चिकित्सक एवं पर्वतारोही
दयानंद दास- इज़राइल, विज्ञान से स्नातक
त्यागानंद दास- अमेरिका, स्नातक
महामंडलेश्वर पद प्राप्त होने के बाद अनंतदास ने कहा कि यह उनके जीवन का सर्वश्रेष्ठ क्षण हैं। उन्होंने बताया कि वे यूएस में 21 साल की आयु में कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद साई मां से मिले और अचानक ही आध्यात्म की राह को अपना लिया। उसके बाद से उनके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन हुए हैं और अब से हिंदू धर्म के प्रचार का काम ही कर रहे हैं।
श्रीदेवी मां ने बताया कि वे एक शिक्षक के रूप में अमेरिका, भारत, आयरलैंड, आस्ट्रेलिया, जापान, बालविया में हिंदू धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वे अपनी मातृभूमि चिली में भी एक आश्रम स्थापित कर चुकी है। अब उनका ध्येय पूरे विश्व में सनातन धर्म का प्रचार करना है।