कोर्ट ने 11 अक्टूबर को दो हजार का हर्जाना जमा कर माफी मांगी गयी जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने या हाजिर होने का निर्देश दिया था। इसका पालन नहीं किया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने द्वारिका प्रसाद की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बी.एन.सिंह ने बहस की। याची पार्टटाइम ट्यूबबेल आपरेटर था। सभी को कोर्ट आदेश से नियमित किया गया और याची को हटा दिया गया। बिना सेवा समाप्त किये काम करने से रोक दिया गया। कोर्ट ने इसी पर कानून की जानकारी मांगी थी।
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