परीक्षार्थियों का कहना है कि चयन बोर्ड की ओर से घोषित परिणाम और उत्तर कुंजी से मिलान के बाद पता चला कि प्रश्नों के विकल्प गलत है। चयन बोर्ड अध्यक्ष ने उन्हें आश्वस्त किया है की प्रत्यावेदन ने उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई भी गलत निर्णय नहीं होगा।चयन बोर्ड की ओर से लंबे इंतजार के बाद टीजीटी हिंदी और प्रवक्ता हिंदी का परिणाम बीते मंगलवार को जारी किया गया था। चयन बोर्ड की ओर से जारी परिणाम और उत्तर कुंजी को देखकर अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए हैं कि उत्तर कुंजी मनमाने तरीके से जारी की गई है।अपने उत्तर के समर्थन में परीक्षार्थियों ने प्रतिष्ठित लेखकों और प्रकाशकों की किताबों को साक्ष्य के स्वरूप में भी चयन बोर्ड में दिखाया है।
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टीजीटी के लगभग 10 प्रश्नों और प्रवक्ता के 7 प्रश्नों को लेकर आपत्ति उठाई गई है। कुछ अभ्यर्थियों ने ओएमआर भरने में मानवीय भूल के चलते ओएमआर भरने में गलती से उनकी कॉपी का मूल्यांकन नहीं हो सका है। परीक्षार्थियों की मांग को देखते हुए चयन बोर्ड अध्यक्ष ने उनसे साक्ष्य सहित प्रत्यावेदन देने को कहा है ।अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि किसी भी परीक्षार्थी के साथ गलत नहीं होगा। अध्यक्ष के आश्वासन के बाद परीक्षार्थियों का कहना था कि कई सामाजिक विज्ञान संस्कृत सहित अन्य विषयों के लिए भी प्रत्यावेदन देने के बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया। परीक्षार्थियों का कहना था कि पूर्व के परिणामों पर भी आपत्तियों का निस्तारण नहीं हुआ है और अब तक वह को की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि टीजीटी में 4240 प्रवक्ता में 877 अभ्यर्थी सफल हुए है।