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संगम में 60 लाख श्रधालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, जप, तप के साथ शुरू हुआ कल्पवास का पर्व

locationप्रयागराजPublished: Jan 15, 2020 07:56:01 pm

संतो ने कहा संक्रांति के पर्व पर इस धरा पर आते है ईश्वर ,इसको स्पर्श करना सौभाग्य

On Makar Sankranti, 60 lakh devotees took a dip in Sangam

संगम में 60 लाख श्रधालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, जप, तप के साथ शुरू हुआ कल्पवास का पर्व

प्रयागराज। माघ मेले में मकर संक्रांति के पर्व पर तीर्थराज प्रयाग में स्नान, दान, ध्यान ,अनुष्ठान,जप, तप के साथ कल्पवास का महाव्रत शुरू हो गया है। संगम तट पर पुण्य डुबकी लगा लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ लिया। संक्रांति के पर्व पर स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के यहां आने का क्रम शुरू हो गया। माघ मेले में पड़ने वाले दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर कड़ाके की ठंड और बारिस के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम क्षेत्र पंहुचें। मकर संक्रांति के पर्व पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। सूर्य के उत्तरायण होने पर मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। साथ ही एक माह तक चलने वाले कल्पवास का भी आगाज हो जाता है। संक्रांति पर 60 लाख श्रधालुओं ने स्नान किया है । जबकि मेला प्रशासन ने 80 लाख श्रधालुओं के आने का अनुमान लगाया है ।

प्रयाग का बखान
मान्यता है कि माघ के माह में सभी देवता आकर प्रयागराज में वास करते हैं। ऐसे में यहां पर आकर कल्पवास करने और संगम में स्नान कर दान पुण्य करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तुलसी दास ने माघ मास की महिमा का बखान करते हुए लिखा है माघ मकर गति रवि जब होई, तीरथ पतिहिं आव सब कोई॥ देव दनुज किन्नर नर श्रेनी, सादर मज्जहिं सकल त्रिवेनी॥
व्यापक इंतजाम के बीच स्नान
त्रिवेणी के तट पर आधी रात से शुरू हुए स्नान पर्व में बड़ी संख्या में साधु संत और कल्पवासी और श्रद्धालुओं ने मां गंगा की गोद में आस्था की डुबकी लगाई। श्रधालुओं ने खिचड़ी, गुड़ और तिल का दान किया तो वही अलग -अलग स्थानों पर भंडारा और प्रसाद का वितरण होता रहा। धार्मिक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी और गुड़ तिल दान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। संक्रांति के महत्वपूर्ण स्नान के मौके पर प्रशासन का व्यापक इंतजाम देखने को मिला। मेला अधिकारी रजनीश मिश्रा मेले के सभी घाटों का निरिक्षण करते रहे । तो वही मेला एसपी पूजा यादव घाटों पर मुस्तैदी डटी रही। जिले के नवनियुक्त एडीजी वेद प्रकाश बेहद सक्रीय दिखे । जिला अधिकारी भानू चंद्र गोस्वामी सहित डीआईजी केपी सिंह मेला क्षेत्र में भ्रमण करते रहे।
संतो ने कहा
मकर संक्रांति के स्नान के दौरान शुभमुहूर्त में बड़े हनुमान मंदिर के छोटे महंत स्वामी आनंद गिरी शिव योगी मौनी महाराज ने भी अपने भक्तों के साथ संगम पहुंचकर पावन पर्व पर आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने मकर संक्रांति को लेकर कहा है की संगम की धरती पुण्य की धरती है। तप और जप की धरती है। यहां पर मकर संक्रांति के पर्व पर स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। वही आनंद गिरी महराज ने कहा की ईश्वर स्वयं आज इस धरा पर आकर स्नान करते है हम सब का सौभाग्य है ।मानव जीवन में संगम की रेती पर आना इसे स्पर्श करना परम सौभाग्य है ।
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सब कुछ निगरानी में
मेला क्षेत्र में आने वाले सभी मार्ग वनवे रहे । सभी तरह के वाहनों का मेला क्षेत्र में प्रवेश वर्जित रहा । स्नान घाटों पर जहां डीप वाटर बैरीकेटिंग लगाई गई। साथ ही जल पुलिस को भी तैनात किया गया।मेले की सुरक्षा के लिए 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मेले की सुरक्षा के लिए 5 हजार पुलिसए पीएसी के साथ ही आरए एफ की कंपनी को तैनात रही। इसके साथ ही आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर एटीएस और एसटीएफ तैनात की गई है। मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए इंटेलिजेंस एजेंसियों को भी सक्रिय कर दिया गया है।
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