रेलवे ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को अब जल्द ही प्लास्टिक की बोतल की जगह बायोडिग्रेडेबल बोतल में पानी देगा। 50 माइक्रोन से कम वाली पॉलिथीन और सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर रोक लगाने के बाद आईआरसीटीसी ने स्टेशनों पर बिकने वाले प्लास्टिक की बोतलों में बदलाव करने का फैसला लिया है। साथी बायोडिग्रेडेबल बोतलों को स्टेशनों पर बेचने की तैयारी शुरू की जा रही है।जल्द ही देश के सभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में रेल नीर की बोतलों में बदलाव किया जाएगा जिसकी तैयारी की जा रही है नई दिल्ली और लखनऊ के बीच देश की पहली कारपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस में मुसाफिरों को बायोडिग्रेडेबल बोतल में पानी देने की शुरुआत कर दी गई है।
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तेजस में शुरू हुए इस प्रयोग का विस्तार जल्द ही बाकी ट्रेनों और स्टेशनों पर किए जाने की योजना पर आईआरसीटीसी योजना बना रहा है। बायोडिग्रेडेबल बोतल बनाने के लिए रेल नीर के प्लांटों में बदलाव भी किया जाएगा आईआरसीटीसी के कैटरिंग सुपरवाइजर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि रेल नीर के देशभर में अट्ठारह प्लांट है अभी सिर्फ एक प्लांट में बायोडिग्रेडेबल बोतल बनाई जा रही है बाकी प्लांटों में भी बायोडिग्रेडेबल बोतल जल्द बनाई जाएगी इसके बाद सभी स्टेशनों और ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को प्लास्टिक वाली बोतल में पानी की जगह बायोडिग्रेडेबल बोतल में पानी मिलेगा।
देश भर में प्लास्टिक ख़त्म करने की मुहीम के साथ रेलवे का यह फैसला आने वाले दिनों में बड़ा परिणाम देगा। क्योकि देश भर में लाखों लोग हर दिन ट्रेन में सफर करते है जिसमे हर मुसाफिर पॉलीथीन और बोतल का इस्तेमाल करता है। रेलवे का यह निर्णय आने वाले समय में प्रदुषण को कम करने में बेहत महत्वपूर्ण और कारगार साबित होगा।