जानिए इनके बारे सब कुछ … हम बता कर रहे हैं, भाजपा नेता पवन केसरी की जिनकी देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। पवन केसरी को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का करीबी माना जाता था। पवन की किशोरी के हत्याकांड के बाद पूरे जिले में हड़कंप मचा हुआ है। पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित विरोधियों में भी खलबली है कि, किसने और क्यों पवन केसरी को मार दिया।
पवन केसरी बेहद कम समय में पार्टी और पार्टी के पदाधिकारियों के चहेते बन चुके थे। जिले में होने वाले सभी बड़े कार्यक्रमों में पवन केसरी जरूर सम्मिलित होते थे। बीते लोकसभा चुनाव, उप चुनाव सहित विधानसभा चुनाव में केसरी ने फूलपुर विधानसभा में बड़ी भूमिका निभाई थी।
पवन केसरी के करीबी और उनके पड़ोसी राय साहब ने पत्रिका से बताया कि, पवन केसरी के लिए परिवार दूसरे स्थान पर था। दिन रात हर जरूरतमंद के पास मिलने वाला शख्स पवन केसरी इतनी जल्दी लोगों को छोड़कर चला जाएगा इसकी उम्मीद नहीं थी। पवन तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था उस के बड़े भाई पिता के साथ कस्बे में ही छोटी सी गल्ले की दुकान चलाते हैं। छोटा भाई कुछ दिनों से ठेकेदारी के काम से जुड़ा है। परिवार की माली स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। लेकिन इसके बावजूद फूलपुर टाउन और आसपास के इलाकों में हर जरूरतमंद व्यक्ति के साथ खड़ा रहने वाला पवन केसरी जिसके ना रहने से सब हैरान है।
पवन कभी जाति धर्म के नाम पर लोगों को नहीं बांटा। कर्मठता, ईमानदारी के साथ अपना काम किया। इसकी वजह यह रही कि, फूलपुर विधानसभा में पार्टी का कोई भी बड़ा नेता आया हो उसने पवन केसरी को जरूर बुलाया है। पवन केसरी शानदार वक्ता बेहतरीन संगठनकर्ता थे। बेहद कम समय में उन्होंने विश्व हिंदू परिषद से राजनीति शुरू की और फिर भाजयुमों के जिला मंत्री रहते हुए भारतीय जनता पार्टी में आए और डिप्टी सीएम सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं के करीब रहे।
टिकट के लिए दिग्गज थे लाइन में लेकिन जनता ने पवन को चुना राय साहब की माने तो बीते निकाय चुनाव में फूलपुर टाउन से कई पुराने भाजपाई टिकट की लाइन में थे। और सब ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी थी। लेकिन जनता की मांग पर पवन को ही फूलपुर से टिकट दिया गया। जबकि बड़े-बड़े दिग्गज देखते रह गए पवन ने शानदार जीत दर्ज की। लगातार क्षेत्र के लोगों के लिए काम अपने क्षेत्र में विकास का काम समय-समय पर तरह तरह के आयोजनों को करा कर जागरूकता के अभियान पैदा करने वाला पवन केशरी नही रहा।
राय साहब ने बताया कि, फोन केसरी की हत्या के बाद फूलपुर कस्बे सहित आसपास की जगह पर तनाव है स्थिति कर्फ्यू जैसी हो गई। फूलपुर बाजार बंद कर दिया गया है। पूरे क्षेत्र में आरएएफ, पीएसी और पन्द्रह थानों की फोर्स तैनात की गई। परिवार के लोग मुख्यमंत्री के आने की जिद पर अड़े रहे। जबकि डिप्टी सीएम के फोन पर और तमाम आला अधिकारियों के समझाने के बाद परिवार के लोग अंत्येष्टि के लिए राजी हुए। सरकार से न्याय की गुहार लगाई। बताया जा रहा है कि, दो दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद केसरी के परिवार के लोगों से मिलने आ रहे हैं।
परिजनों ने पवन केसरी की बेटे को नौकरी और परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है। साथ ही गुनहगारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार हो और उन्हें सजा दी जाने की बात कही, अंत्येष्टि के दौरान पवन का बड़ा बेटा बेसुध रहा। वही दोनों भाई बदहवास हालात में पड़े रहे। तनावपूर्ण स्थिति में भारी फोर्स की मौजूदगी में पवन की दारागंज घाट पर अंत्येष्टि की गई।
input प्रसून पांडेय